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सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोक कल्याण के लिए की मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की आराधना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. शारदीय नवरात्र में जारी शक्ति उपासना के क्रम में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में प्रातः सत्र में अष्टमी तिथि पर मां जगतजननी के अष्टम स्वरूप माता महागौरी तथा सायंकाल सत्र में नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की विधि विधान से आराधना की। 

इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमद् देवीभागवत का पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी जारी रहा। दोनों पूजन सत्रों में आरती एवं क्षमा प्रार्थना के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।

रविवार से ही गोरखनाथ मंदिर में है सीएम योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार शाम से गोरखनाथ मंदिर में प्रवास कर रहे हैं। रविवार रात्रि उन्होंने महानिशा की विशिष्ट अनुष्ठान को पूर्ण किया था। सोमवार को प्रातः सत्र में उन्होंने मंदिर के शक्तिपीठ में मां भगवती के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। सायंकाल के सत्र में माता के नवम स्वरूप माता सिद्धिदात्री का आवाहन पूजन अर्चन के साथ किया गया। दोनों सत्रों में करीब दो घंटे तक चली पूजा में मुख्यमंत्री ने गौरी-गणेश की आराधना के साथ सभी देव-विग्रहों का षोडषोचार भी पूजन किया। 

सनातन धर्म में माता महागौरी अत्यंत शुभता, उल्लास और ऊर्जा की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। माता के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की मान्यता यश, बल, धन, वैभव दायिनी के साथ सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी की है। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों सत्रों में आदिशक्ति की आराधना कर समस्त देशवासियों के जीवन में सुख, शांति, आरोग्य व समृद्धि की मंगलकामना की।

आज निकलेगी शोभायात्रा

विजयदशमी के दिन निकलने वाली गोरक्षपीठाधीश्वर की विजय शोभायात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यह शोभायात्रा सोमवार को गोरखनाथ मंदिर से निकलेगी। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ विजय रथ पर सवार होकर तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच पहले मानसरोवर मंदिर और फिर रामलीला मैदान पहुंचेंगे। शोभायात्रा की प्रक्रिया सम्पन्न होने बाद शाम सात बजे प्रसाद वितरण व अतिथि भोज कार्यक्रम मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन परिसर में आयोजित हाेगा। इसमें सर्वसमाज के लोग शामिल होंगे।

रात में पात्र पूजा भी होगी

सोमवार की देर रात परंपरागत पात्र पूजा होगी। इसमें संत जन पात्र देवता के रूप में गोरक्षपीठाधीश्वर की पूजा करेंगे। उसके बाद अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष के अधिकार से गोरक्षपीठाधीश्वर संतों के विवाद का निस्तारण करेंगे। यानी वह दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे।

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