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गाजीपुर जिले में खूब बिक रहा 120 रुपये किलो का मिलावटी रसगुल्ला और गुलाब जामुन, खाद्य विभाग सोया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. दीपावली पर 120 रुपये किलो के रसगुल्ले व गुलाब जामुन पूरे जिले में खूब बिक रहे हैं। छोटी-छोटी दुकानों पर छापेमारी कर मिलावट रोकने का डंका बजाने वाले खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी जानकारी के बावजूद रसगुल्ला व गुलाब जामुन के कारखाने की तरफ देख भी नहीं रहे हैं। क्षेत्र के लोग ही नहीं दूसरे कस्बों व जिला मुख्यालय के व्यापारी भी रसगुल्ला खरीदने पहुंच रहे हैं। 

स्थानीय कोतवाली व पावर हाउस सहित कई स्थानों पर मिलावटी रसगुल्ले व गुलाब जामुन बन रहे हैं, जिनकी कीमत 100 से 120 रुपये प्रति किलो है। इनमें दूध से बने पनीर व खोआ नहीं होता बल्कि आरारोट व मिल्क पाउडर से यह तैयार हो रहा है। इन रसगुल्लों व गुलाब जामुन को दूर-दराज के इलाके में बनाकर शहर की दुकानों पर सप्लाई किया जा रहा है।

पेट संबंधी बीमारियों को बढ़ावा दे रहे रसगुल्ले

दुकानदार इन्हें अपना माल बता 200 से 300 रुपये किलो बेच रहे हैं, जबकि ये रसगुल्ले पेट संबंधी बीमारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। मिलावटी रसगुल्ला तीन साल से बन रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग के लोगों को भी इसकी जानकारी है, लेकिन वह यहां सिर्फ हर महीने अपनी जेब भरने के लिए आते हैं। 

इस तरह तैयार होते हैं मिलावटी रसगुल्ले व गुलाब जामुन 

रसगुल्ले व गुलाब जामुन में मिल्क पाउडर, आरारोट व सूजी का प्रयोग किया जाता है, जबकि चिकनाई के लिए पामआयल मिलाया जाता है। इस तरह से बने मिठाई को गाढ़ी चासनी में रखकर बेचा जाता है। 

क्या हो सकता है नुकसान?

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डा. राजेश कुमार ने बताया कि पावडर व आरारोट से बने रसगुल्ले व गुलाब जामुन नुकसानदेय हैं। पेट को खराब कर देते हैं, वहीं आंतों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा इनके अधिक प्रयोग से किडनी और लीवर के प्रभावित होने का खतरा भी रहता है। उपजिलाधिकारी वीर बहादुर सिंह ने बताया कि इसकी जांच के लिए तहसीलदार को भेजा जा रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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