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दुल्हन की तरह होगा श्रीराम जन्मभूमि परिसर का श्रृंगार, PM मोदी करेंगे दीपोत्सव का शुभारंभ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या. श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अयोध्या में दूसरी बार आगमन होगा। दीपोत्सव 2022 के मुख्य अतिथि के रूप में आ रहे प्रधानमंत्री मोदी श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करने के साथ उस ऐतिहासिक मंदिर के निर्माण का भी अवलोकन करेंगे जिसकी बहुप्रतीक्षित आधारशिला उन्होंने रखी थी। प्रधानमंत्री मोदी रामलला के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर दीपोत्सव का शुभारम्भ भी करेंगे। इस अवसर पर श्रीरामजन्मभूमि परिसर में सवा लाख दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे।

इससे पहले श्रीरामजन्मभूमि परिसर का श्रृंगार दुल्हन की तरह करने की तैयारी पूरी हो गयी है। परिसर की बाहरी दीवारों से लेकर आंतरिक हिस्सों को फूलों की लरियों से सुसज्जित किया जाएगा। पूरे परिसर में रंगोली व चित्रांकन का कार्य पहले  ही शुरु हो गया है। अवध विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट की छात्र-छात्राओं की टीम इस कार्य को बड़े उल्लास से अंजाम देने में जुटी है। मंदिर के परिसर से लेकर निर्माणाधीन स्थल तक भव्य साज-सज्जा का प्रबंध हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी मंदिर निर्माण स्थल पर भी चिह्नित गर्भगृह में भी पूजन करेंगे। इसकी भी तैयारियां हो गयी हैं।

पृथ्वीराज चौहान के बाद मोदी पहले हिन्दू शासक : चंपत राय

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय कहते हैं कि मोदी को लेकर राम मंदिर आंदोलन के नायक अशोक सिंहल कहा करते थे कि पृथ्वीराज चौहान के बाद पहला हिन्दू देश की सत्ता पर बैठा है जो भारत के जीवन मूल्यों और मानबिन्दुओं का ध्यान रखता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस धारणा को चरितार्थ करके भी दिखाया है। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव के साथ-साथ दीपावली के दिन भी उसी तरह का उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दीपावली पारम्परिक त्योहार है और दीपोत्सव ने इस त्योहार में चार चांद लगा दिया है। उधर रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा. अनिल मिश्र ने बताया कि करीब 30 फिट ऊंचे मंदिर निर्माण स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी को ले जाने के लिए अतिरिक्त सीढ़ी का निर्माण भी कराया जा रहा है।

45 हजार लीटर तेल से जलाए जाएंगे 18 लाख दीए

दीपोत्सव के अवसर पर 23 अक्तूबर को रामपैड़ी पर 18 लाख दीए जलाकर विश्व रिकार्ड बनाया जाएगा। अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और घाटों पर गुरुवार से निर्धारित संख्या में दीयों को एकत्र करने का काम शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत रूपकला मंदिर के सामने से लेकर नागेश्वर नाथ मंदिर के पूरब पुल तक सात घाटों से की गयी है। विभिन्न स्थानों से मंगवाए गये इन दीयों को रामपैड़ी पर स्थित चंद्रहरि मंदिर के कमरे में स्टोर कराया गया था। बताया गया कि 40 एमएल के यह दीए 15 मिनट से अधिक समय तक जलेंगे। 

बताया गया कि 18 लाख दीयों को जलाने के लिए तीन हजार टीन यानि 45 हजार लीटर तेल का प्रबंध किया गया है। तेल के टीन, रुई की बाती, मोमबत्ती व लकड़ी के स्टिक भी रामपैड़ी पर पहुंच गये हैं। घाटों पर दीए रखने के बाद उनके बिछाने का काम शुक्रवार से किया जाएगा। इन 18 लाख दीयों को जलाने के लिए करीब 22 हजार वालेंटियर विश्वविद्यालय व सम्बद्ध महाविद्यालयों के अलावा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं व स्वयंसेवी संगठनों से आम्त्रिरत किए गये हैं।

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