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गाजीपुर में दम तोड़ रहीं स्वास्थ्य सेवाएं, आधे से ज्यादा जच्चा बच्चा केंद्र हैं जर्जर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जमानियां में‌ शासन द्वारा नगर व ग्रामीण अंचलों में समय से बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने का दावा फ्लॉप साबित हो रहा है। जिसके चलते लोगों को मजबूरी की परिस्थितियों में जिला मुख्यालय या तहसील मुख्यालय जाना पड़ रहा है।

तहसील क्षेत्र के अंतर्गत 258 गांवों में साढे तीन लाख के करीब आबादी है। जहां 70 हजार परिवार निवास करते हैं। इन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए 52 जच्चा बच्चा केन्द्र का निर्माण वर्षों पहले कराया गया था। लेकिन इनमें अधिकतर पूरी तरह से खस्ताहाल हैं। तो कुछ केंद्रों पर एएनएम का पद रिक्त होने के चलते इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जर्जर होने से कई केन्द्र बंद हो चुके हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि विवश होकर क्षेत्र की महिलाओं को खुद और नौनिहालों को लेकर दूसरे स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाना पड़ता है। लोगों का कहना है महकमे की उदासीनता से ही लोगों को समय से सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।

लोगों ने बताया कि नगर हो या देहात स्वास्थ्य व्यवस्था, पूरी तरह से बेपटरी आ चुकी है। इन केंद्रों के कायाकल्प व सूरत सवारने के लिए जिम्मेदारों के महीनों पहले शासन को प्रस्ताव भेजा तो गया। लेकिन आज उस पर सहमति की मोहर नहीं लग सकी। शासन की समय से बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है। रिक्त जगहों पर अभी तक किसी कि तैनाती न किए जाने से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सुरक्षित प्रसव,टीकाकरण, चिकित्सकीय सलाह के लिए दि‌न हो या रात इधर उधर भटकना पता है।

इतना ही नहीं, केन्द्र के अन्दर रखे गए लाखों के विभिन्न चिकित्सकीय उपकरण भी लापरवाही की भेंट चढ़ गए हैं। कई केन्द्र तो पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। सीएमओ डॉ. हरि गोविन्द सिंह ने बताया कि जर्जर केन्द्रों के कायाकल्प का प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही उनकी मरम्मत करा दी जाएगी।

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