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गाजीपुर एसपी का 4 माह में रोहन पी बोत्रे का तबादला, बीजेपी नेताओं की आंख की किरकिरी बने थे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे का तबादला बीती रात कर दिया गया। 4 महीने के कार्यकाल के बाद उन्हें प्रतीक्षारत सूची में शामिल किया गया है। एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे के लगभग 4 महीने के कार्यकाल में 8 पुलिस मुठभेड़ हुई। भाजपा नेताओं की आंख की किरकिरी बने पुलिस कप्तान पर तबादले की गाज गिरी।अब गाजीपुर के नए कप्तान ओमवीर सिंह होंगे।

एसपी रोहन पी बोत्रे ने 5 जुलाई 2022 को जिले की कमान संभाली थी। 123 दिनों में जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस और एसओजी टीम की बदमाशों से आठ मुठभेड़ हुई। पुलिस के इस उग्र रूप से देख अपराधियों के भी पसीने छूटने लगे। शायद यही कारण था कि 28 जुलाई को लूट की वारदात में वांछित सदर कोतवाली क्षेत्र के महराजगंज निवासी विशाल बिंद सीने और पीठ पर आत्मसमर्पण की तख्ती लटकाए दिन में पुलिस कार्यालय पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके साथ ही माफिया मुख्तार सहित उनके नाते-रिश्तेदारों, उनसे जुड़े लोगों के साथ ही मादक पदार्थ और गौ-तस्करों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी की गई।

कई मामलों में पुलिस की भूमिका पर सवाल

बावजूद इसके पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे का तबादला कर दिया गया। एडीजीपी कार्मिक की ओर से जारी तबादला आदेश के तहत गाजीपुर के एसपी के पद से स्थानांतरित रोहन पी बोत्रे को मुख्यालय महानिदेशक स्थानांतरित किया गया। उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है। ग़ाज़ीपुर के एसपी रोहन पी बोत्रे के इस ट्रांसफर और वेटिंग में रखे जाने से सियासी गलियारी में कई चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक एसपी रोहन पी बोत्रे का ये स्थानांतरण गाजीपुर के एमएलसी विशाल सिंह चंचल की नाराजगी के चलते हुआ है। एसपी रोहन पी बोत्रे ने जिले में अपने कार्यकाल में माफियाओं पर कार्रवाई और अपराधियों के एनकाउंटर से सुर्खियां बटोरी, लेकिन इस दौरान उनकी कार्य प्रणाली और कई मामलों में पुलिस की भूमिका पर सवाल भी खड़े हुए।

एमएलसी ने की थी एसपी की शिकायत

बताया जा रहा है कि उनकी कार्य प्रणाली और कई मामलों में पुलिस की संदिग्ध भूमिका की शिकायत आम लोगों ने एमएलसी विशाल सिंह चंचल से की। लगातार शिकायतें मिलने पर एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने एसपी को कई बार कार्य प्रणाली सुधारने की ताकीद भी की। सूत्रों के मुताबिक कई लोगों ने रिश्वतखोरी और ओवरलोडिंग के गोरखधंधे में पुलिस की मिलीभगत की शिकायत भी एमएलसी से की थी। जिसको एमएलसी विशाल सिंह ने मुख्यमंत्री तक पहुंचाया। जिसके बाद एसपी को जिले से रुखसत करने की कार्रवाई शासन की ओर से की गई।

एमएलसी बोले- एसपी की गंभीर शिकायत मिल रही थी

फिलहाल जब इस बाबत एमएलसी से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि पुलिस अधीक्षक की लगातार गम्भीर शिकायतें मिल रही थी। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ के संज्ञान में मामला लाना मेरा कर्तव्य और जनहित में अति आवश्यक था। उन्होंने कहा कि सरकार की साफ मंशा है कि किसी भी अधिकारी की गलत कार्य प्रणाली और किसी भी तरह के करप्शन को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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