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अग्निवीर बनने के लिए खूब दौड़ी बेटियां, अयोध्‍या में युवक का पैर टूटा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. एएमसी स्टेडियम के ट्रैक पर पड़ रही सर्दी अग्निवीर बनने का सपना लेकर आयी बालिकाओं के हौसलों के आगे बेअसर रही। मिलिट्री पुलिस में अग्निवीर सैनिक ड्यूटी बनने के लिए इन बालिकाओं ने 1600 मीटर की दौड़ में अपना दम दिखाया। कुछ ने तय 7:30 मिनट से आठ मिनट के बीच अपनी दौड़ पूरी की तो कुछ के सपने अंतिम समय में टूटे। पहले ही दिन महिला अग्निवीर के लिए बालिकाओं का जोश देखते ही बना। वहीं अयोध्या में अग्निवीर सेना भर्ती में आया युवक दौड़ लगाते समय घायल हो गया। तीन चक्कर लगाने के बाद चौथे चक्कर में पैर फंसने के बाद गिरने से पैर में फ्रैक्चर हो गया। युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल युवक का नाम धर्मेंद्र यादव है, जो प्रयागराज से अयोध्या डोगरा रेजिमेंटल सेंटर आया था।

छावनी के एएमसी स्टेडियम में अग्निपथ योजना के तहत महिला अग्निवीर बनने के लिए बुधवार को भर्ती रैली शुरू हुई। इस रैली में यूपी और उत्तराखंड की बालिकाएं हिस्सा लेंगी। पहले दिन बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, श्रावस्ती, संभल, फर्रुखाबाद, बलरामपुर, बहराइच, वाराणसी, गोरखपुर, देवरिया, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, संत रविदास नगर, मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों की बालिकाएं दौड़ में शामिल हुईं। 

इन जिलों से कुल 945 बालिकाओं ने पंजीकरण कराया था। हालांकि 299 बालिकाओं ने ही रैली में हिस्सा लिया। सेना भर्ती मुख्यालय के एडीजी रिक्रूटमेंट मेजर जनरल मनोज तिवारी सहित कई अधिकारी मौके पर उपस्थित थे।

नहीं दिखे इंतजाम : सेना ने जिला प्रशासन के साथ रैली को लेकर कई बैठकें की थी। जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार सहित कई अधिकारी भर्ती स्थल पर पहुंचे भी थे। जिलाधिकारी ने बालिकाओं को सर्दी भरी रात में ठहरने के लिए दो शामियाना बनाने के निर्देश दिए थे। हालांकि परिवार के साथ आयी बालिकाओं को एएमसी स्टेडियम के सामने पेड़ के नीचे ही रात गुजारनी पड़ी। मौके पर कोई शामियाना ही नहीं लगाया गया था।

रजिस्ट्रेशन 80 हजार, बुलाया चार हजार को ही : सेना में केवल महिला अग्निवीर के लिए ही कटआफ की व्यवस्था लागू है। इस बार यूपी और उत्तराखंड की 81169 बालिकाओं ने भारतीय सेना की वेबसाइट पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। सेना ने कटआफ के बाद करीब चार हजार बालिकाओं को ही दौड़ में शामिल होने के लिए बुलावा पत्र भेजा। जबकि 76 हजार बालिकाओं को कम रिक्तियां होने के चलते दौड़ का भी मौका नहीं मिल सका।

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