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गाजीपुर में डेंगू से पीड़ित युवक की मौत, बुखार पीड़ितों से पटा सैदपुर सीएचसी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी सैदपुर मच्छर जनित बीमारी डेंगू का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। यहां से प्रतिदिन डेंगू लक्षण वाले बुखार से पीड़ित 2 से 3 गंभीर मरीज हायर मेडिकल सेंटर के लिए रेफर हो रहे हैं। डेंगू लक्षण वाले बुखार से पीड़ित एक मरीज की ब्रेन हेमरेज से मौत का मामला भी प्रकाश में आया है। इन सब के बीच सैदपुर के स्वास्थ्य महकमे पर डेंगू के मामलों को छिपाने का आरोप भी लग रहा है।

आम दिनों की अपेक्षा इन दिनों सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन ढाई सौ से 300 मरीज पहुंच रहे हैं। खचाखच भरी ओपीडी में ज्यादातर मरीज डेंगू जैसे लक्षणों से मिलते जुलते तेज बुखार से पीड़ित पाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र की हालत यह हो गई है कि इमरजेंसी वार्ड से लेकर कोविड वार्ड तक, सभी बुखार से पीड़ित मरीजों से पट चुके हैं। यहां से हर दिन प्लेटलेट्स की भारी कमी के साथ तेज बुखार से पीड़ित तीन से चार मरीजों को हायर मेडिकल सेंटर के लिए रेफर किया जा रहा है। जिसके कारण वाराणसी स्थित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में भी सैदपुर के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। यही हाल सैदपुर के निजी स्वास्थ्य केन्द्रों का भी बना हुआ।

सीएचसी पर लग रहा है डेंगू के मामले को छिपाने का आरोप

सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डेंगू संक्रमण को छिपाये जाने के आरोप भी लग रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र में भले ही मरीज में तेज बुखार के साथ डेंगू के लक्षण पाए जा रहे हैं, फिर भी यहां जब तक मरीज का प्लेटलेट्स 60 से 70 हजार के नीचे नहीं पहुंच रहा, तब तक उसकी किट के माध्यम से डेंगू जांच नहीं कराई जा रही है।

जिसके कारण डेंगू के मरीजों के इलाज में लापरवाही का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद सैदपुर सीएचसी की पैथोलॉजी में डेंगू की प्राथमिक किट जांच में दो से तीन पॉजिटिव मरीज हर रोज निकल रहे हैं।

5 वर्ष से खराब है सीएचसी की सीबीसी जांच मशीन

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डेंगू के मामले में महत्वपूर्ण सीवीसी जांच सुविधा होने के बावजूद, गरीब मरीजों को निजी पैथोलॉजी में महंगी जांच करानी पड़ रही है। जिससे उनका आर्थिक शोषण भी हो रहा है। यह सब स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही के कारण हो रहा है। क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र स्थित सीबीसी जांच मशीन बीते 5 वर्षों से खराब पड़ी है। जिसे आज तक स्वास्थ्य विभाग ने बनवाने की जहमत नहीं उठाई।

डेंगू के संभावित मरीज की ब्रेन हेमरेज से हो चुकी है मौत

इन सब के बीच तेज बुखार और प्लेटलेट्स की कमी से जूझ रहे वार्ड संख्या 6 निवासी संजय बरनवाल (35) ने वाराणसी में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। संजय के पिता फूलचंद बरनवाल ने बताया कि एक हफ्ते पहले अचानक संजय को तेज बुखार आया। पहले उसने इसे वायरल बुखार समझ कर एक-दो दिन ऐसे ही पेरासिटामोल दवा ली।

हालत ज्यादा खराब होने पर जांच हुई तो पता चला कि उसके शरीर में प्लेटलेट्स की भारी कमी हो गई है। हम लोग उसे लेकर इलाज के लिए वाराणसी गए जहां ब्रेन हेमरेज के कारण उसकी मौत हो गई। पूछने पर डॉक्टर ने डेंगू की संभावना जताई।

किट जांच में डेंगू के संभावित मामले कुछ बढ़े जरूर है, रेसियो कम है

सैदपुर सीएचसी के अधीक्षक डॉक्टर दीपक पांडे ने बताया कि मशीन सप्लाई करने वाली कंपनी से बार-बार संपर्क के बावजूद, मशीन नहीं बनने पर उसे कंडम घोषित करके हटा दिया गया है। यह सही है कि डेंगू के संभावित मामले इस समय थोड़े बढ़े जरूर हैं। लेकिन बुखार के 100 मरीजों में ऐसे तीन-चार मामले ही आ रहे हैं। मरीज का प्लेटलेट्स एक लाख के नीचे होने पर डेंगू किट जांच कराई जा रही है।

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