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सहारा ने किया बेसहारा, अब फुटपाथ पर दुकान लगाकर करते हैं जीवनयापन

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. सहारा इंडिया के मुखिया सुब्रत राय पंचतत्व में विलीन हो गए। सहारा के डूबने के साथ- साथ उन लोगों की उम्मीद धीरे-धीरे शिथिल हो होती गयी, जिन लोगों ने स्थानीय लोगों से करोड़ों रुपये का कलेक्शन कर सहारा में जमा करवाया था। सहारा इंडिया में निवेशकों की ही नहीं, कलेक्शन एजेंट के रूप में काम कर रहे हजारों स्थानीय लोगों की भी बड़ी फजीहत हुई। बहुत से कलेक्शन एजेंट को अपनी सम्पत्ति, घर, दुकान, जमीन बेचकर पैसा रिटर्न कर अपनी जान बचानी पड़ी। क्योंकि एजेंट के माध्यम से पैसा जमा करने वाले लोग सीधे तौर पर एजेंट का गिरेबान कसा, धमकी दी और पैसा वापस करने का दबाब बनाया। ऐसे में कुछ सहारा एजेंटों ने सैकड़ों लोगों को व्यतिगत रूप से पैसा वापस किया।

कुछ इसी तरह की त्रासदी से सहारा कलेक्शन एजेंट अमर कुमार जैन भी गुजरे। जिसने कलेक्शन के रूप में हजारों लोगों से सहारा इंडिया में करोड़ो रूपये जमा कराया। बाद में सहारा इंडिया में जब पैसा फंसा तो उन जमाकर्ताओं ने अमर कुमार जैन के ऊपर दबाब बनाना शुरू किया। घेरा बंदी किया। जान से मारने की धमकी दी। दबाब और मजबूरी में अमर कुमार जैन ने सराय अकिल की बेशकीमती जमीन,घर,गाड़ी बेंचकर ऐसे जमाकर्ताओं का पैसा वापस किया।

हालांकि बहुत से लोगों का पैसा अभी भी नहीं दे पाये। दुकान भी बिक गयी। अमर कुमार जैन के पास अब कुछ भी नहीं बचा जिसको वह बेंचकर लोगो को पैसा वापस कर सकें। कभी शानो शौकत से रहने वाले अमर कुमार जैन अब जीवन यापन के लिए प्रीतमनगर में फुटपाथ पर फोल्डिंग बिछाकर रोजमर्रा के उपयोग वाले छोटे छोटे सामानों की दुकान लगाते हैं। बामुश्किल दो से तीन सौ कमा पाते हैं।

सहारा इंडिया परिवार में मोटिवेटर और एक बड़े कलेक्शन एजेंट के तौर पर जाने, जाने वाले अमर कुमार जैन बताते हैं कि 18 जून 1993 में सहारा इंडिया से जुड़ा। उन्होंने प्रयागराज,कौशाम्बी, प्रतापगढ़ तक के लोगों से सहारा में निवेश कराया था। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन 2008 से सरकार का रुख बदला, सहारा इंडिया आरबीआई , इनकम टैक्स सेबी में उलझ गयी। ग्राहकों पैसा फंसा तो हम पर दबाब बनाने लगे।

सरकार की पैसा रिटर्न की पोर्टल तकनीकी और शिथिल गति पर ए के जैन काफी आहत हैं। फिरहाल बीजेपी सरकार से उन्हें थोड़ी उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और मोदी सरकार का आश्वासन उनके मन में उम्मीद की ज्योति जलाये हुए है। हालांकि मोदी सरकार ने पोर्टल लांच किया है। फिर भी अभी कन्फर्म नहीं हैं कि कब तक उनका सहारा इंडिया में फंसा पैसा वापस होगा।
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