Today Breaking News

सैदपुर CHC बना शोषण और लापरवाहियों का केंद्र, खतरे में प्रसूता और नवजात - Saidpur News

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बीते कुछ दिनों से सैदपुर (Saidpur News) क्षेत्र में मच्छर जनित जानलेवा बीमारी डेंगू और चिकनगुनिया महामारी का रूप लेती जा रही है। घर के एक सदस्य के संक्रमित होने के बाद, परिवार के लगभग सभी सदस्य इसके संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।

क्षेत्र की बड़ी आबादी इसकी चपेट में चल रही है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा ना मच्छरों की रोकथाम के लिए कोई कदम उठाजा जा रहा है और ना ही सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध हो पा रहीं हैं। इन सब के बीच बीते गुरुवार को चिकनगुनिया से पीड़ित एक व्यक्ति की मौत हो गई। गौरतलब है कि सैदपुर में 3 सप्ताह पूर्व चिकनगुनिया और डेंगू के संक्रमण की शुरुआत हुई। इसके बाद अब स्थिति यह है कि मच्छर जनित यह बीमारी क्षेत्र में महामारी का रूप लेती जा रही है। सैदपुर के ज्यादातर घरों में अब इस संक्रमण ने अपने पांव पसार लिए हैं।

घर के एक सदस्य की इससे संक्रमित होने के बाद, लगभग घर के सभी सदस्य एक के बाद एक इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। एक साथ पूरे परिवार के बीमार होने के कारण, कई व्यापारियों की दुकाने बंद चल रही है। लोगों के काम धंधे ठप्प पड़ जा रहे हैं। सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रात दिन लगातार बुखार, घुटनों में असह्य दर्द, उल्टी से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं।

हर रोज निकल रहे हैं डेंग Ns1 किट पॉजिटिव मरीज

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंगू की NS1 जांच किट पर हर रोज तीन से पांच मरीज पॉजिटिव निकल रहे हैं। बड़ी संख्या में चिकनगुनिया के लक्षणों से पीड़ित मरीज होने के बावजूद, स्वास्थ्य केंद्र में चिकनगुनिया की जांच नहीं हो पा रही है। यहां से हर रोज आधा दर्जन से ज्यादा मरीज हायर मेडिकल सेंटर वाराणसी के लिए रेफर किये जा रहे हैं। वाराणसी स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय सैदपुर के मरीजों से पटता जा रहा है। 

हरिप्रकाश बीते एक नवंबर को चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित पाये गये थे। उनके पुत्र सौरभ विश्वकर्मा ने बताया कि पिताजी शुगर के पेशेंट थे। कुछ दिनों पूर्व उन्हें तेज बुखार के साथ घुटनों में तेज दर्द शुरू हुआ वह चलने फिरने में अशक्त हो गए। बुखार ठीक होने के बाद उनके घुटनों में सूजन और मुंह में अंदर तक छाले पड़ गए। जिसका इलाज वाराणसी स्थित निजी चिकित्सालय में चल रहा था। 

पहले से शुगर, हार्ट और अर्थराइटिस की दवा ले रहे मरीजों में डेंगू और चिकनगुनिया का संक्रमण होने पर वह गंभीर रूप से बीमार हो जा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में सैदपुर नगर के वार्ड संख्या 11 निवासी हरि प्रकाश विश्वकर्मा (62) की बीते गुरुवार को वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गई।

गरीब मरीजों को खर्च करने पड़ रहे हैं हजारों रुपए

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शोषण और लापरवाही का यह आलम है कि सीबीसी और डेंगू की Ns1 किट जांच की सुविधा होने के बावजूद, मरीज को ₹300 में सीबीसी और 1000 से ₹1200 में डेंगू की जांच बाहर से करानी पड़ रही है। गरीब मरीजों के शोषण का यह खेल डॉक्टर और पैथोलॉजी संचालकों की मिली भगत से बड़े पैमाने पर चल रहा है। जिसके चलते दवा और जांच की जो सुविधा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मुफ्त उपलब्ध है। उसके लिए भी मरीजों को हजारों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। 

सीएचसी में डेंगू वार्ड और दो नए कोविड वार्ड होने के बावजूद, चिकनगुनिया और डेंगू के संभावित मरीजों को प्रसूता वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। खतरनाक यह है कि यहां कोई भी मच्छरदानी का उपयोग नहीं कर रहा है। जिसके कारण यहां ऑपरेशन से बच्चे को जन्म देने वाली प्रसूताओं और उनके नवजात बच्चों पर भी चिकनगुनिया और डेंगू के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। 

वार्ड में लगातार बुखार और उल्टी से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। जहां साफ सफाई के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण दुर्गंध और गंदगी के बीच मरीज इलाज कराने को विवश है। 

'