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बेनामी संपत्तियों की जांच में फंस रहा माफिया मुख्तार का पूरा कुनबा, पेंशन से चल रहा गुजारा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. माफिया मुख्तार अंसारी बेनामी संपत्तियों की आयकर जांच में फंसता जा रहा है। बीते दिनों उससे हुई पूछताछ में उसने इन संपत्तियों से कोई भी वास्ता होने से साफ इंकार कर दिया था, हालांकि उसके करीबी गणेश दत्त मिश्रा से पूछताछ के बाद हुई जांच में बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में मुख्तार, उसकी पत्नी अफशां और बेटे अब्बास की स्पष्ट भूमिका सामने आ रही है। जल्द ही आयकर विभाग मुख्तार की गाजीपुर, मऊ, वाराणसी और लखनऊ की 20 बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी में है।

आयकर विभाग ने माफिया मुख्तार अंसारी से हुई पूछताछ और जांच की रिपोर्ट नई दिल्ली मुख्यालय भेज दी है। इस रिपोर्ट में मुख्तार के साले आतिफ रजा, करीबी गणेश दत्त मिश्रा से हुई पूछताछ का ब्यूरो भी दिया गया है। गणेश दत्त मिश्रा से हुई पूछताछ में उसके बैंक खाते से सुभासपा विधायक एवं मुख्तार के पुत्र अब्बास अंसारी के खाते में दो बार में 40 लाख रुपये भेजने का ब्योरा भी दिया गया है। हालांकि उसने कहा कि यह लेन-देन आतिफ रजा के कहने पर किया गया था। 

साथ ही, आतिफ के इशारे पर मऊ में एक जमीन भी अब्बास को दिलाने की पुष्टि जांच में हुई है। उसने कबूला कि आतिफ रजा के कहने पर ही उसने मुख्तार अंसारी, अफशां अंसारी और अब्बास अंसारी के साथ वित्तीय लेन-देन किया था। हाल ही में लखनऊ के डालीबाग स्थित जिस बेनामी संपत्ति को आयकर विभाग ने जब्त किया है, वह भी आतिफ रजा के माध्यम से खरीदी गयी थी।

पेंशन से चल रहा गुजारा

बीते दिनों बांदा जेल में आयकर विभाग की पूछताछ में मुख्तार ने बयान दिया था कि उसकी आधी जिंदगी जेल में गुजर चुकी है। उसका कोई भी कारोबार नहीं है। पहले उसे विधायक होने पर सरकारी तनख्वाह मिलती थी, अब पेंशन मिल रही है। पारिवारिक फर्म विकास कंस्ट्रक्शन के नाम पर खरीदी गयी संपत्तियों पर कहा इससे उसका कोई नाता नहीं है। उसका साला आतिफ रजा ही उसकी पत्नी का सारा कारोबार देखता है। वहीं इसके बारे में बता सकता है।

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