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गाजीपुर के किसान का बेटा प्रिंस यादव बना SDM, हर्षिता राय बनी डिप्टी SP, जानें इनके संघर्ष की कहानी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के गांव से प्राथमिक विद्यालय से शुरुआती पढ़ाई। क्रिसेंट कॉन्वेंट दिलदारनगर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। एनआईटी सूरत से बीटेक फिर दो साल तक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी और इस्तीफा। सिविल सेवा की तरफ रुझान। पैसे के अभाव में सेल्फ स्टडी। कोचिंग पढ़ाया, पिता के साथ किसानी की। तीन बार सिविल सेवा की परीक्षा में असफलता और फिर एसडीएम के लिए चयन। ये कहानी है। उस युवा की जो आर्थिक सामाजिक हर बाधा को पार कर अधिकारी बना।
प्रिंस के घर पहुंचने पर पिता ने गले लगाया, मां ने उतारी आरती। शिव मंदिर पहुंच टेका माथा।
जी हां हम बात कर रहे हैं गाजीपुर जिले के दिलदारनगर के खजूरी गांव के रहने वाले प्रिंस यादव की। जिनका चयन हाल में ही एसडीएम पद के लिए हुआ है। UPPSC में 31वीं रैंक हासिल करने वाले प्रिंस ने साबित कर दिया कि मेहनत करने वालों की हार नहीं होती।
UPPSC ने मंगलवार को रिकॉर्ड 8 महीने 9 दिन में परीक्षा परिणाम जारी कर दिए। UPPSC में 31वीं रैंक हासिल कर सफल हुए, UPPSC रिजल्ट के बाद शनिवार को दिल्ली से गाजीपुर पहुंचे। प्रिंस के पैतृक गांव दिलदारनगर (खजूरी) में पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। प्रिंस को सफलता की बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। गांव पहुंचकर प्रिंस ने सबसे पहले शिव मंदिर में पूजन किया। पूरा परिवार इस पल को देखकर भाव विभोर हो गया। प्रिंस ने सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अगर सच्चे मन से मेहनत की जाए, तो सफलता एक दिन जरुर मिलती है।
इस दौरान गांव के लोग भी बेटे की सफलता पर गदगद दिखे। प्रिंस के पहुंचने पर उनके पैतृक आवास पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। क्षेत्र के प्रबुद्ध लोग, प्रिंस के गुरूजन भी पहुंचे। इस सफलता को क्षेत्र के लिए गौरव बताया। सभी ने प्रिंस को फूल मालाओं से लाद दिया।
मां कमला देवी ने भी बेटे का तिलक किया। आरती उतारी और खूब आशीर्वाद दिया। इस मौके पर उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। इस दौरान प्रिंस ने भी मां का पैर छुआ और भक्ति गाने पर जमकर डांस भी किया। प्रिंस की मां आंगनवाड़ी कार्यकत्री हैं, बेटे की इस सफलता पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
किसान पिता का अधिकारी बेटा
प्रिंस के पिता श्रीनिवास यादव खेती किसानी का काम करते हैं। 40 साल से खेती के सहारे परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं। प्रिंस का अधिकारी बनना किसान पिता के किसी बड़े सपने का सच होना है। प्रिंस के बड़े भाई अनुराग व्यापार करते हैं। बड़े पिता रणजीत यादव ने कहा कि बेटे के इस उपलब्धि पर हम सब को गर्व है।
बड़े पिता ने कहा बेटा समाज की सेवा निष्ठा और ईमानदारी के साथ करे। जिससे गांव और परिवार नाम हो। बेटे के इस सफलता से सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।

गांव के स्कूल से प्राथमिक शिक्षा
मीडिया से बातचीत में प्रिंस ने बताया कि उन्होंने गांव के ही स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। हाईस्कूल-2007 और इंटरमीडिएट-2009 की परीक्षा क्रिसेंट कॉन्वेंट स्कूल दिलदारनगर से उत्तीर्ण किया था। NIT सूरत से 2010-2014 तक बीटेक किया। बीटेक के बाद प्रिंस को कैंपस सेलेक्शन के जरिए नौकरी मिली। दो साल तक नौकरी करने के बाद प्रिंस ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी।
प्रिंस ने साल 2017 में नौकरी छोड़कर सिविल की तैयारी के लिए कोचिंग ज्वाइन किया और तैयारी में जुट गए। इसके साथ ही 8 से 9 घंटे पढ़ाई करने लगे। फाइनेंसियल दिक्कतें आई तो उन्होंने कोचिंग पढ़ाना शुरू किया। उसी के सहारे अपना खर्च निकालने लगे। कम खर्च में पढ़ाई हो सके इसके लिए प्रिंस ने घर पर ही पढ़ाई शुरू की और माता पिता के काम में भी हाथ बांटने लगे।
संघर्ष से ही जीवन होता सफल
प्रिंस ने पढ़ाई के दौरान ही तीन बार सिविल सेवा के लिए परीक्षा दी। तीनों बार ही कुछ नंबर से वो चूक गए और प्रिंस का सेलेक्शन नहीं हो सका। चौथे प्रयास में 31वीं रैंक पाकर एसडीएम के पद पर चयनित हुए हैं।
प्रिंस ने बताया कि वह अपनी हार से कभी हताश नहीं हुए है। करीब पांच बार मेंस और चार बार इंटरव्यू देने के बाद अंततः उन्होंने सफलता अर्जित की है। प्रिंस बताते हैं कि जीवन में संघर्ष ही सफलता की कूंजी है। जीवन में आप जितना संघर्ष करते हैं, सफलता उतना ही आपकी कदम चूमती हैं। कभी भी मेहनत करने से पीछे नहीं हटे। अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहे, सफलता मिला तय है।
काम करो फल की चिंता मत करो
मीडिया से बातचीत में उन्होंने युवाओं के लिए टिप्स भी दिए। प्रिंस ने कहा कि काम करो फल की चिंता मत करो। आज के परिवेश में सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव इस कदर युवाओं पर पड़ रहा है। वह अपने भविष्य की चिंता छोड़ चुके हैं। सभी युवाओं से अपील किया है कि सोशल मीडिया से दूरी बना ले, और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जी जान से लगाकर जुट जाओ। अगर इस कदर काम करते है, तो सफलता एक दिन आपके कदम चूमेगी।
प्रिंस बताते हैं कि वो इंटरव्यू से पहले बहुत ही परेशान थे, तो माता-पिता और बड़े पिता से इंटरव्यू से पहले बातचीत की। इसके बाद वो थोड़ा नॉर्मल हुए। परिवार के लोगों ने प्रिंस को मोटिवेशन दी। पिता बोले- बेटा यहां तक पहुंचे हो, तो इस बार आगे का सफर भी पूरा हो जाएगा। वो बताते हैं कि उनका इंटरव्यू लगभग 20-25 मिनट तक चला था। जिसमें जीएसटी और आईजीएसटी के बारे में पूछा गया। इसमें अभी तक कितना कलेक्शन हुआ। बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड से रहा है, तो पूछा गया कि सिविल क्षेत्र में इलेक्ट्रानिक का क्या उपयोग है। 3डी प्रिंटिंग क्या होता है। मशीन लर्निंग क्या होती है। इन सभी प्रश्नों का बखूबी से उत्तर दिया था।
प्रिंस ने बताया पढ़ाई को लेकर माता-पिता, बड़े पिता और बड़े भाई मोटिवेट किया करते थे। पीसीएस के तैयारी के दौरान मेरे दोस्तों ने पढ़ाई से लेकर हर तरह से सपोर्ट किया। इस सफलता में इन सब लोगों का बहुत ही अच्छा साथ था। ऐसा बोलते हुए प्रिंस की आंखों में खुशी के आंसू आ जाता है।
प्रिंस के गांव पहुंचने पर लोगों ने बैंड बाजे के साथ धूमधाम से स्वागत किया। इस मौके पर रवि यादव, अनुराग सिंह, आजाद सिंह, गीता, रीता, विमला, बिभा सिंह, रेनू, रिंकू, तृप्ति यादव, कुंती देवी, बलिराम यादव, विजय यादव, अनिल यादव, रिशु यादव, सोनू गुप्ता, चेयरमैन अविनाश जायसवाल, विपुल सिंह, बबलू चौहान, बसन्त यादव, डॉ. विकास, राकेश यादव व अन्य लोग मौजूद रहे।
डिप्टी एसपी बनी हर्षिता राय, बीएचयू में रह चुकी हैं गोल्ड मेडलिस्ट
गाजीपुर के ही भरौली कला गांव की रहने वाली हर्षिता राय ने यूपीपीएससी की परीक्षा में 7वीं रैंक हासिल किया है। उनका चयन डिप्टी एसपी पद पर हुआ है। हर्षिता के पिता आनंद राय शिक्षक है, मां मनोरमा राय गृहणी है। हर्षिता राय डॉ. बृजेंद्र राय की पौत्री हैं। हर्षिता एक भाई, एक बहन है। बेटी की इस सफलता पर परिवार सहित गांव और जिले में खुशी का माहौल है।
हर्षिता राय ने यूपीपीएससी की परीक्षा में 7वीं रैंक हासिल कर डिप्टी एसपी बनी हर्षिता अपने दोस्तों के साथ।

हर्षिता को तीसरी प्रयास में मिली सफलता
हर्षिता राय को यह उपलब्धि तीसरे प्रयास में मिली है। इसके पूर्व में हर्षिता राय ने दो बार UPPSC की परीक्षा में हिस्सा लिया था, लेकिन तब उनका चयन नहीं हो पाया था। तीसरे प्रयास में हर्षिता का चयन डिप्टी एसपी पद पर हुआ है।
हर्षिता राय के पिता वर्तमान में मध्य प्रदेश के सीधी जिले में डिग्री कॉलेज में अध्यापक हैं। हर्षिता की शुरुआती शिक्षा मध्य प्रदेश में हुई थी। इसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीएससी ऑनर्स में गोल्ड मेडल हासिल किया। हर्षिता ने काशी हिंदू विवि से भूगर्भ शास्त्र में एमएससी किया। इसमें भी हर्षिता गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। हर्षिता ने सिविल सेवा के लिए दो बार प्रयास किया लेकिन असफल रहीं। तीसरे प्रयास में वह डिप्टी एसपी पद पर चयनित हो गई हैं। जिसके चलते घर परिवार सहित गांव में खुशी का माहौल है।
2017 से दिल्ली से कर रही तैयारी
हर्षिता राय साल 2017 में दिल्ली के मुखर्जीनगर में रह कर IAS की तैयारी करने लगी। वहां उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए कोचिंग ज्वाइन किया। UPPSC-2023 में हर्षिता का चयन डिप्टी एसपी के पद पर हुआ है।
बधाई देने वालों का लगा तांता
हर्षिता राय के डिप्टी एसपी पद पर चयनित होने पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा रहा। माता मनोरमा देवी ने बेटी की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है। वहीं शेरपुर गांव निवासी नाना पूर्व विधायक अवधेश राय शास्त्री के परिजन, परिवार एवं आसपास के लोगों में शामिल डॉ. अनिल राय, आलोक राय, अजय राय, अशोक राय, अरुण राय, अश्वनी राय, अमरेंद्र राय, निशांत, प्रशांत, पीयूष, राहुल, मुन्ना राय, राजेश, स्वदेश, बृजेश, अश्वनी राय हाथी, डॉक्टर मयंक शंकर उपाध्याय, श्री प्रकाश राय, राजेंद्र राय और विक्की तिवारी ने खुशी जताते हुए हर्षिता के उज्जवल भविष्य की कामना की है।
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