Today Breaking News

अफजाल अंसारी की संपत्ति 15 साल में 50 लाख से 13 करोड़ हुई; अब 2024 में सपा से ठोकेंगे ताल

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर से अफजाल अंसारी ताल ठोंक रहे हैं। 39 साल के राजनीतिक करियर में अफजान ने 4 बार पार्टी बदली है। इनका निशाना सिर्फ जीत पर होता है।
इस दौरान अफजाल की संपत्ति में भी बेतहासा वृद्धि हुई है। पिछले 15 साल के आंकड़े बताते हैं कि मुख्तार की संपत्ति 2004 में 50 लाख रुपए से बढ़कर 2019 तक 13 करोड़ को पार कर चुकी है।

मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने 1985 में राजनीतिक दुनिया में कदम रखा और साल दर साल सिकंदर बनते चले गए। अफजाल अंसारी 2004 में पहली बार गाजीपुर लोकसभा से चुनाव जीत करके संसद में पहुचे। इससे पहले गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा से 1985 से 1986 तक लगातार चार बार विधायक चुने जा चुके हैं।

अफजाल अंसारी की 2004 में कुल संपत्ति 50 लाख रुपए के आसपास थी और उस पर 38,000 रुपए का कर्ज भी रहा। लेकिन अब 20 साल में अफजाल की कुल संपत्ति 13 करोड़ रुपए के पार पहुंच गई है।

अफजाल के परिवार का पुराना रसूख

अफजाल अंसारी को माफिया मुख्तार के भाई के नाम से जाना जाता है। जबकि गाजीपुर जनपद के मोहम्मदाबाद क्षेत्र का रहने वाला अंसारी परिवार बेहद पढ़ा-लिखा और राजनैतिक रसूख वाला परिवार है।

अफजाल अंसारी के नाना मोहम्मद उस्मान को देश के बहादुर सैनिको में जाना जाता है। वे महावीर चक्र विजेता थे। अफजाल के बाबा मुख्तार अहमद अंसारी ने इंग्लैंड में पढ़ाई की थी। देश में वापस आने के बाद में वह कांग्रेस के अध्यक्ष बने और जिसके बाद में जामिया विश्वविद्यालय दिल्ली के वाइस चांसलर भी रहे थे।
गाजीपुर की राजनीति में अफजाल अंसारी के परिवार का खास राजनैतिक प्रभाव माना जाता है। अफजाल अंसारी ने साल 2004 में समाजवादी पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की साल 2009 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े पर जीत नहीं मिल सकी। 2014 में बलिया लोकसभा से कौमी एकता दल से चुनाव लड़े पर लेकिन हार मिली।

साल 2019 में अफजाल ने गाजीपुर लोकसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गए। अब समाजवादी पार्टी ने 2024 में अफजाल अंसारी को लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है।
अफजाल अंसारी मूलतः युसूफपुर मुहम्मदाबाद के रहने वाले हैं। अफजाल ने पहला चुनाव CPI से साल 1985 में गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा से लड़ा। 2004 में दिए गए एक हलफनामे में अफजाल की कुल संपत्ति 50 लाख 85 हजार चार सौ चौसठ (50,85,464) रुपए थी। जिसमें अफजाल को अडतीस हजार बाइस (38,022) रुपए का कर्ज भी चुकाना था। हलफनामे के अनुसार 2019 में अफजल की कुल संपत्ति तेरह करोड़ उन्यासी लाख अड़तीस हजार सात सौ छप्पन (13,79,38,756) रुपए हो गई है।
2004 से 2009 में अफजाल की संपत्ति में कुल 901.49 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। 2004 से 2009 के बीच इनकी संपत्ति 4 करोड़ 58 लाख 44 हजार 836 (4,58,44,836) रुपए हो गई। अफजाल ने दूसरा लोकसभा चुनाव साल 2014 में कौमी एकता दल के टिकट पर बलिया से लड़ा और चुनाव हार गए। 2009 से 2014 में अफजाल की संपत्ति में 150.59 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई और कुल संपत्ति 6 करोड़ से ज्यादा (6,90,36,111) रुपए हो गई।

अफजल ने 2019 में बसपा की टिकट पर गाजीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस बार के हलफनामे में अफजाल की कुल संपत्ति 13 करोड़ से ज्यादा (13,79,38,756) रुपए पार कर गई। 2004 से 2019 तक कुल 15 साल में अफजाल की संपत्ति में 2712 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
अफजाल अंसारी सबसे पहले कम्युनिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ते थे। CPI से चुनाव लड़ने के बाद में अफजाल ने चार विधानसभा चुनाव जीते। साल 2004 में वह समाजवादी पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़े और जीत गए। इस चुनाव में उनको 415687 वोट मिले थे। इसमें BJP के उम्मीदवार मनोज को 188910 वोट मिले और बसपा के उम्मीदवार उमाशंकर सिंह को 185120 मिले थे।

2009 के गाजीपुर के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी बसपा की तरफ से चुनाव लड़े और हार गए। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राधेमोहन सिंह ने 3,79,233 वोट मिले और अफजालअंसारी को 3,09,924 वोट मिले और दूसरे नम्बर पर रहे थे।

2014 में अफजाल ने बलिया लोकसभा सीट से कौमी एकता दल से चुनाव लड़ा और हार गए। इस चुनाव में BJP के भरत सिंह को 359758 को वोट मिले और जीत गये। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी की तरफ से नीरज शेखर को 220324 वोट मिले और अफजाल को 163943 वोट मिले और तीसरे नंबर पर रहे।

2019 के लोकसभा चुनाव में अफजाल गाजीपुर लोकसभा से BSP से चुनाव लड़ा 566082 वोट मिले और जीत गए। अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदी मनोज सिन्हा को हराया था। इस चुनाव में मनोज को 446690 वोट मिले थे।

अफजाल अंसारी को माफिया मुख्तार के भाई के नाम से जाना जाता है। जबकि गाजीपुर जनपद के मोहम्दाबाद क्षेत्र का रहने वाला ये अंसारी परिवार बेहद पढ़ा लिखा और राजनैतिक रसूखदार है। अफजाल अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को देश के बहादुर सैनिको में जाना जाता है,वह महावीर चक्र विजेता थे। अफजाल के बाबा मुख्तार अहमद अंसारी जो इंग्लैण्ड के पढ़े हुए थे। देश में वापस आने के बाद में वह कांग्रेस के अध्यक्ष बने और जिसके बाद में जामिया विश्वविधालय दिल्ली के वाइस चांसलर भी रहे थे। इस परिवार की राजनैतिक क्षेत्र में बहुत ही मजबूत पकड़ मानी जाती है। (मीडिया इनपुट्स के साथ)
'