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मऊ के स्वस्तिका हॉस्पिटल में छापेमारी, अस्पताल के खिलाफ नगर मजिस्ट्रेट और CMO में ठनी; जानें मामला

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. मऊ जिले में प्राइवेट अस्पतालों के संचालन का कोई निर्धारित पैमाने नहीं है। यही वजह है कि वाराणसी के बाद मऊ जिले को अस्पतालों का हब कहा जाता है। क्योंकि यहां पर मुख्यालय समेत पूरे जनपद में सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े अस्पताल संचालित हो रहे हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि इन अस्पतालों के संचालन का कोई पैमाना जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित नहीं किया गया है।
ओम स्वस्तिका हॉस्पिटल (Swastika Hospital)
ओम स्वस्तिका हॉस्पिटल (Swastika Hospital)
मऊ जिले में प्राइवेट हॉस्पिटलों के मकड़जाल में फंसे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा शासन के निर्देशों का भी खूब धज्जियां उड़ाया जाता है। कई शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगता है। यही वजह है कि जिले में मनमानी तरीके से सैकड़ों की संख्या में अस्पताल, क्लिनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम, चाइल्ड केयर, सर्जिकल और ट्रॉमा सेंटर इत्यादि संचालित हो रहे हैं।

ओम स्वस्तिका हॉस्पिटल (Swastika Hospital) में छापेमारी
इसी बीच शुक्रवार को नगर मजिस्ट्रेट बृजेन्द्र कुमार के नेतृत्व में शहर के बुनाई विद्यालय के पीछे स्थित ओम स्वास्तिका हॉस्पिटल (Swastika Hospital) पर छापेमारी की गई। जिसमें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल डा. आर.एन. सिंह भी शामिल हुए। प्रारम्भिक जांच में अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज से बात करते हुए अधिकारियों को यह पता चला कि यहां पर सिजेरियन ऑपरेशन भी होता है।

जब नगर मजिस्ट्रेट ने ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक के बारे में पूछा तो किसी ने कोई सही जवाब नहीं दिया। इसके बाद जब अधिकारियों ने उक्त अस्पताल के संचालक के बारे में पूछताछ शुरू की एक महिला अंदर से निकल कर सामने आई और अपना नाम डॉ. निधि सिंह बताया। अधिकारियों के सवालों से पहले ही उनके पसीने छूटने लगे और उन्होंने किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दिया।

जब वहां लगे CCTV फुटेज खंगालने की बात हुई तो उन्होंने बताया कि CCTV कैमरों में कुछ दिक्कत है, जिस वजह से सब कैमरें बंद है। ऐसे में उपस्थित अधिकारियों को पूरा मामला संदिग्ध महसूस हुआ और कार्रवाई की बात शुरू हुई, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल तो यह है कि कार्रवाई करेगा कौन? क्योंकि किसी भी अस्पताल या चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार तो स्वास्थ्य विभाग के पास है।

ऐसे में जब नगर मजिस्ट्रेट ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से कार्यवाही के लिए कहा तो एसीएमओ डॉ. आर.एन. सिंह के कान खड़े हो गए। जिसके बाद नगर मजिस्ट्रेट ने सीएमओ को फोन लगाकर कार्यवाही करने की बात कही तो सीएमओ ने कार्रवाई करने से साफ-साफ इनकार कर दिया। इस दौरान दोनों अधिकारियों की बीच काफी देर यक बहस हुई और अंत में वहीं, हुआ जो अभी तक होते आया है।स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपने कदम पीछे खींच लिए गए और नगर मजिस्ट्रेट को बैरंग वापस लौटना पड़ गया।

नगर मजिस्ट्रेट ने अस्पताल के बारे में बोले
नगर मजिस्ट्रेट बृजेन्द्र कुमार ने बताया कि ओम स्वास्तिका हॉस्पिटल (Swastika Hospital) की संचालिका डॉ. निधि सिंह के द्वारा पूरे अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। हमें यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि डा. निधि सिंह एक BAMS डॉक्टर है और इनके अस्पताल पर सिजेरियन ऑपरेशन होता है। मजिस्ट्रेट ने बताया कि इस संबंध में जब हमने सीएमओ से बात की तो उन्होंने अपने नोडल अधिकारी को मौके पर भेज दिया। जांच में यह तथ्य सामने आए कि जो सिजेरियन ऑपरेशन यहां पर हुआ है वह संदिग्ध है। यहां पर कोई सही तरीके से यह नहीं बता पा रहा है कि ऑपरेशन किसके द्वारा किया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कार्रवाई से इनकार
अब इस मामले में कार्यवाही के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ही निर्णय लेना है, लेकिन उन्होंने कार्रवाई करने से मना कर दिया है। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि मेरे द्वारा इस बारे में जिला अधिकारी को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि प्राथमिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं । उसके अनुसार डॉ. निधि सिंह यहां पर सभी ऑपरेशन कर रही हैं और इनके पास ना तो डिग्री है और ना ही ऑपरेशन करने का अधिकार है। उन्हें गुप्त सूचना मिली थी जिसके आधार पर यह जांच की गई है। इस संबंध में जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा, उसके बाद जो दिशा निर्देश होंगे उसके अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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