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अखिलेश यादव का मुलायम रूप....किसी को थपकी तो किसी को लगाया गले; फिर किया बड़ा एलान

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. दोपहर में धीरे-धीरे चढ़ते सूरज के साथ चढ़ती गर्मी और सपाई सियासत का तापमान बढ़ाते कार्यकर्ता, शिवली से रसूलाबाद तक जगह-जगह भीड़ से घिरे सपा प्रमुख अखिलेश यादव शनिवार को 'मुलायम' अवतार में दिखे। अपने पिता नेताजी की तरह ही रोड शो के दौरान चौराहे-चौराहे, नुक्कड़-नुक्कड़ स्थानीय मुद्दे छुए, समस्याएं उठाईं, अपनों को थपकी देकर सहलाया भी, अपनत्व भी दिखाया। हाथ मिलाया, गले मिले और कार्यकर्ताओं के मन की करते रहे। कोई समाजवादी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक यानी पीडीए यात्रा रथ के पास पहुंचा तो उसे करीबी का अहसास कराया।
सपा कार्यकर्ताओं को बिल्कुल खांटी समाजवादी मुलायम सिंह यादव की तरह पहचानते हुए उनके नाम से बुलाने पर जोशीले कार्यकर्ता मुलायम सिंह अमर रहें, अखिलेश यादव जिंदाबाद। अखिलेश तुम आगे बढ़ो, हम हमेशा साथ हैं, जैसे नारे लगाते रहे। बार-बार सपाई झंडे लहराते रहे। अखिलेश ने किसी को भी निराश नहीं किया, कहीं तंबू के नीचे खड़े कार्यकर्ताओं की भीड़ को संबोधित किया तो कई जगह 10 से 12 कार्यकर्ता भी मिलने पर रथ रोक उनका अभिवादन स्वीकारा। अखिलेश बोले-पहली बार नेताजी ने हाथ पकड़कर 24 साल पहले ये धरती दिखाई थी। फिर 12 साल तक आप सबने प्रेम दिया।

कन्नौज की खुशबू को दुनिया में पहुंचाने में मदद की। अब फिर 2012 के बाद ठीक 12 साल बाद ही हम आपके बीच आए हैं। शिवली से हवाई पट्टी होकर आगे बढ़ने पर जैसे ही अखिलेश ने पहली नुक्कड़ सभा में ये बात कही तो हर तरफ बढ़ते तापमान के बीच सियासी गर्मी उबाल मारती दिखी। शिवली से शुरू हुए उनके रोड शो के पीछे यहां हवाई पट्टी बनने के बाद से अब तक कोई भी हवाई सेवा कानपुर देहात को नहीं मिलने, क्षेत्र का विकास नहीं होने व जल निकासी की समस्या को प्रमुखता से उठाना मकसद रहा। चौराहे-चौराहे जैसे क्षेत्र बदलता अखिलेश का संबोधन भी बदलता चला गया।

जाति, वर्ग व क्षेत्र के हिसाब से उन्होंने बातें रखीं, वहां के रुके विकास व भाजपा सरकार की खामियां गिनाईं और आगे बढ़े। यहीं आंबेडकर पार्क में माल्यार्पण कर दलितों को भी साधा। अखिलेश ने कानपुर-बुंदेलखंड की अकबरपुर, जालौन, इटावा व स्वयं की कन्नौज लोकसभा सीट के लिए रोड से माहौल तैयार किया। रसूलाबाद से ही उन्होंने सांसद सुब्रत पाठक को घेरना शुरू कर दिया। कहा कि हवाई पट्टी बनाई थी पर एक बार भी भाजपा सरकार ने हवाई जहाज नहीं उतारा, जिससे यहां उद्योग नहीं लग सके, व्यापार नहीं बढ़ा।

बेकार पड़ी जमीन चुनी थी पर सरकार व क्षेत्रीय सांसद ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। गहिरा चौराहे पर दलित व लोधी आबादी बाहुल्य क्षेत्र में विधायक रेखा वर्मा व डा. आंबेडकर का रूप धरे बालक प्रखर गौतम को रथ पर बैठाकर अपनी बात रखी। यहां कहा, संविधान को भाजपा खत्म कर रही। जैसे समुद्र मंथन हुआ, वैसे ही यह चुनाव संविधान मंथन का है। फिर सांसद पर हमला बोला। बोले, सांसद कहते हैं कि हमने एक समाज का वोट खरीदा। वीरांगना अवंतीबाई का सम्मान नहीं किया।

हम सरकार बनते ही हवाई पट्टी को विकसित करेंगे। नाम वीरांगना अवंतीबाई पर रखेंगे। कहिंजरी में स्थानीय नेता राजेंद्र बहादुर राजपूत को रथ पर बैठाया। फिर सांसद को घेरा। रसूलाबाद में चौराहे पर ही 100 मीटर में दो जगह बात रखी। पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया व फिर हाजी फैजान को भी साथ रखा। रास्ते में बच्चों ने रोककर स्वागत किया तो उन्हें चाकलेट दी। कुछ ऐसे ही नेताजी मुलायम सिंह भी जब निकलते थे तो अपनों को गले लगा उन्हें अपनत्व का अहसास कराते थे। फिर बेला में भी इसी तरह अखिलेश ने वहां के कार्यकर्ताओं से संवाद किया। फिर तिर्वा में अवंतीबाई प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कस्बे में घूमकर माहौल बनाया। 24 साल पुराने परिचितों से इशारों में ही संवाद किया।

अखिलेश ने शिवली क्षेत्र में बलवंत हत्याकांड व नोटबंदी के दौरान जन्मे खजांचीनाथ का जिक्र किया। बोले निर्दोष की हत्या भाजपा सरकार में होती है। नोटबंदी की लाइन में खजांचीनाथ पैदा हुए। वो भाजपा की जिम्मेदारी थे पर सपाइयों ने जिम्मा उठाया। उन्हें लखपति बनाया।
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