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कबूलनामा...मैं उसके पापा से प्यार करती थी, उसने मुझसे शादी नहीं की...तो बेटी को मार डाला

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, रामपुर. 'मेरे पड़ोसी दानिश से मेरा अफेयर चल रहा था। इस बीच उसने किसी और से शादी कर ली। कुछ दिन बाद जब हमारे प्यार की बात उसकी पत्नी को पता चली, तो वह मुझसे नफरत करने लगी। दानिश की तीन साल की एक बच्ची भी थी। उसको देखकर मुझे नफरत होती थी। वह मेरी दुकान पर अक्सर टॉफी लेने आती थी। मैं उसकी पत्नी को सबक सिखाना चाहती थी। इसलिए मैंने उसकी बच्ची को मारने का प्लान बनाया। रविवार की सुबह बच्ची दुकान पर टॉफी लेने आई थी। इसी दौरान बच्ची को मैं घर की छत पर बने कमरे में ले गई। उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। शव को पास के खाली प्लाट पर फेंक दिया।'

ऐसा रामपुर में 3 साल की बच्ची की हत्या करने वाली युवती ने पुलिस के सामने कबूल किया है। वारदात के 3 दिन बाद बुधवार को पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया। इस हत्याकांड के पीछे की वजह प्रेम-प्रसंग बनी। बच्ची का इससे कोई लेना-देना नहीं था। केवल जलन और ईर्ष्या की वजह से एक बच्ची को अपनी जान गंवानी पड़ी।

अब सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं मामले के बारे में सब कुछ...

यह फोटो बच्ची अनायजा नूर की है, जिसकी लाश मंगलवार को एक बोरी में मिली थी।
सबसे पहले क्राइम सीन : 7 अप्रैल को हुई थी हत्या

रामपुर के धावनी हसनपुर गांव में दानिश रहते हैं। उनकी 3 साल की बेटी अनायजा नूर रविवार सुबह 10 बजे से लापता हो गई थी। इसके बाद घरवालों ने काफी खोजबीन की, लेकिन बच्ची का पता नहीं लगा। इसके बाद बिलासपुर कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने भी काफी तलाश किया, लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला।

मंगलवार सुबह करीब सवा 9 बजे गांव की कुछ महिलाएं एक खाली पड़े प्लाट में कूड़ा डालने गई थीं। वहां उन्हें एक बंद बोरी दिखी, जिस पर मक्खियां भिनभिना रही थीं। महिलाओं ने पास जाकर देखा, तो बोरी में किसी की लाश थी।

इसके बाद महिलाओं ने गांव वालों को इस बार में बताया। फिर पुलिस को सूचना दी गई। थोड़ी ही देर बाद CO रवि खोखर और प्रभारी निरीक्षक बलवान सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बोरी को खोलकर देखा, तो उसमें एक बच्ची की लाश थी। उसके दोनों पैर कटे थे। जबकि दोनों हाथ रस्सी से बंधे थे। चेहरे पर पालिथीन ढकी थी। शव की शिनाख्त अनायजा नूर के रूप में हुई। इसी बीच सूचना मिलने बच्ची के घरवाले भी रोते-बिलखते घटनास्थल पर पहुंच गए।

पुलिस ने मासूम के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया था। मृतका अनायजा नूर की मां रफीकन ने आरोप लगाया कि उनके घर से कुछ ही दूर पर सगीर अहमद की पत्नी सायरा बानो का घर है। वह अपने घर में परचून की दुकान खोले है। उनके यहां मेरी बच्ची टॉफी लेने गई थी। तभी से गायब थी। मां ने उन लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था।

पुलिस ने दुकानदार सगीर अहमद की पत्नी सहित 5 लोगों को हिरासत में ले लिया था। पुलिस ने जब इन लोगों से सख्ती से पूछताछ की तो पूरा का पूरा माजरा निकलकर सामने आ गया। दुकानदार की 19 साल बेटी फरानाज ने बच्ची की हत्या करने की बात कबूल कर ली।

अब पढ़िए हत्या करने वाली युवती का कबूलनामा...

दुकानदार की 19 साल की बेटी फरानाज ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसका बच्ची के पिता दानिश से पहले से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। हम दोनों एक-दूसरे से मिलते रहते थे। 5 साल पहले दानिश की शादी किसी और से तय हो गई। मैंने इसका विरोध किया था। लेकिन वह मान नहीं रहा था।

इस बीच उसकी शादी हो गई। इसके बाद भी हम लोग मिलते रहे। जब यह बात उसकी पत्नी को पता चली, तो वह मुझसे नफरत करने लगी। मेरे परिवार से रंजिश रखने लगी। दानिश की एक 3 साल की एक बच्ची भी थी। उसको देखकर मुझे बहुत नफरत होती थी। वह मेरे घर की दुकान पर वह अक्सर टॉफी लेने आती थी।

मैं उसको देखती थी, तो जलन होती थी। मैं दानिश की पत्नी को सबक सिखाना चाहती थी। इसलिए मैंने उसकी बच्ची को मारने का प्लान बनाया। रविवार की सुबह बच्ची दुकान पर टॉफी लेने आई थी। इसी दौरान बच्ची को मैं घर की छत पर बने कमरे में ले गई।

उसके हाथ दोनों रस्सी से बांधे। इसके बाद मुंह को एक पालिथीन से ढका और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद बच्ची के दोनों पैर काट दिए। जिससे लगे कि तंत्र-मंत्र में हत्या की गई है। इसके बाद बच्ची का शव बोरी में भरा। फिर मौका पाकर घर के पास खाली पड़े प्लाट में शव को फेंक दिया।

मृतका अनायजा नूर के पिता मोहम्मद दानिश ने बताया, ''मेरी शादी को पांच साल हो चुके हैं। शादी के डेढ़ साल बाद अल्लाह ने मुझे बेटी दी। इस दौरान मैं सऊदी अरब चला गया। उसके बाद मैं यहां आकर अपने काम में व्यस्त हो गया। मुझे यह नहीं पता कि उसे मुझसे प्यार कैसे और कब हो गया? उसकी नजर में यह प्यार एकतरफा है। हम दोनों पति-पत्नी भी आपस में बहुत प्यार करते हैं। इसलिए कभी मैंने उसकी तरह ध्यान भी नहीं दिया।'' पिता ने आरोपी युवती द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत बताया है।

एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि घटना के पर्दाफाश के लिए सर्विलांस, एसओजी सहित तीन टीमें लगाई गई थी। इस दौरान टीम ने फरानाज पुत्री सगीर अहमद को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई, तो उसने मासूम की हत्या करना स्वीकार किया।

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