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उफ्फ ये इश्क़...पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति को ऐसे उतारा मौत के घाट....पुलिस ने किया खुलासा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. पति को रास्ते से हटाने के लिए पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर खुद जहरीली शराब बनाई थी, जिसके पीने से उसकी मौत हुई थी। ससुर के बार-बार बेटे के बारे में पूछने पर जवाब देने से बचने के लिए उसने पति को पहले कर्जदार बताया फिर प्रेमी संग सीकर जिले के रींगस में भैरव मंदिर के पास होटल में रहने लगी।
पति के फोन से ही पत्नी ससुर व रिश्तेदार को मैसेज कर उनके ठीक रहने की जानकारी भी देती थी। नौबस्ता थाने में गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने सर्विलांस की मदद से उनकी लोकेशन ट्रेस कर दोनों को रींगस से गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को उन्हें जेल भेजा गया है।

एडीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा ने बताया कि किदवई नगर वाई ब्लाक निवासी पुनीत शर्मा के अनुसार 35 वर्षीय मेडिकल स्टोर संचालक बेटा प्रतीक शर्मा बहू नेहा व दो बच्चों को लेकर छह मार्च को ब्रेजा कार से ड्राइवर अनुराग के साथ अपनी ससुराल गया था।

12 मार्च को बहू बच्चों को लेकर लौटी पर बेटा नहीं आया था। पूछने पर बताया कि बाराबंकी में गाड़ी खराब हो गई। उसका फोन भी बंद था। फिर बहू बच्चों को लेकर दवा लेने की बात कहकर 16 मार्च को कहीं चली गई  फिर 21 मार्च को पुनीत ने बेटे बहू व उनके बच्चों की गु़मशुदगी दर्ज कराई। नेहा ने इस बीच प्रतीक के नंबर से ससुर व रिश्तेदारों को उसकी कुशलता का मैसेज भी भेजती थी।

एडीसीपी ने बताया कि प्रतीक और नेहा के नंबर की सीडीआर में नेहा का प्रतीक के दोस्त हंसपुरम आवास विकास निवासी आयुष शर्मा से कई बार बातचीत निकली। सभी नंबरों की लोकेशन ट्रेस की गई तो वह सीकर जिले के रींगस की निकली। वहां पुलिस टीम ने भैरव मंदिर के पास एक कमरे से गिरफ्तार किया।

पत्नी का कहना था कि पति आए दिन उससे मारपीट करता था। इसलिए उसे खत्म कर दिया है। एडीसीपी ने बताया कि हजरतगंज थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया था। मौत का कारण स्पष्ट न होने पर पुलिस ने बिसरा सुरक्षित किया था। उसकी रिपोर्ट के बाद वहां की पुलिस कार्रवाई करेगी। नौबस्ता पुलिस केस को हजरतगंज थाने में ट्रांसफर करेगी।

आयुष ने बताया कि वह प्रतीक के साथ दवा का ही ऑनलाइन ऑर्डर लेता था। उसे एक व्यक्ति से पता चला था कि अगर दो अलग-अलग तरह की शराब में कोल्डड्रिंक मिलाकर उसमें 11 टेबलेट जोलफ्रेश (नींद की गोली) मिला देने से वह 24 घंटे बाद जहरीली हो जाती है। उन दोनों ने इसी तरीके से शराब बनाकर प्रतीक को पिलाई थी, जिससे उसकी मौत हो गई।

आयुष, प्रतीक का भाई बना और एंबुलेंस बुलवाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां मृत बताए जाने पर शव का पोस्टमार्टम हुआ और उसके बाद उन्हीं लोगों ने लखनऊ के गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार कर वापस अपने घर आ गए थे।

नेहा और आयुष ने पुलिस को बताया कि प्रतीक पर तीन-चार लाख का कर्ज हो गया था। इस पर उन्होंने उसकी हत्या के बाद घरवालों और रिश्तेदारों में यह दर्शाया था कि वह कर्जदार होने पर पत्नी बच्चों के साथ कहीं चला गया है पर उसके नंबर से हो रहे मैसेज और उनकी सीडीआर ने उनका राजफाश कर दिया।
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