बनारस में तेंदुए का अटैक, चकमा देकर भागा, बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर जुटे पुलिसवाले
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में तेंदुए के हमले से लोग दहशत में हैं। अब तक 3 युवकों को घायल कर चुका है। शुक्रवार शाम को वन विभाग की टीम और स्थानीय लोगों के सामने से तेंदुआ भाग निकला। फिलहाल, 24 घंटे से तेंदुए की दहशत बनी हुई है। 5000 लोग घरों में कैद हैं और घर से लाठी-डंडे लेकर ही बाहर निकल रहे हैं।
गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, चंदौली और वाराणसी की वन विभाग की टीमें सर्च ऑपरेशन में लगीं। पुलिस और वन विभाग के करीब 100 जवान जाल और पिंजरा लगाकर तेंदुए को ढूंढते रहे। शुक्रवार रात के बाद शनिवार दोपहर तक तेंदुआ नहीं दिखा, फिर अब अन्य जिलों की वन विभाग टीम यहां से जा चुकी है। टीम का मानना है कि रात में यहां से तेंदुआ कहीं दूसरी जगह चला गया होगा।
पुलिस के जवान अभी बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर मौके पर तैनात हैं। पुलिसकर्मी लाउडस्पीकर से अनाउंस कर रहे हैं कि लोग खुद से कोई कदम न उठाएं, अपने घर में ही रहें। जरूरत होने पर ही बाहर निकलें और सतर्क रहें।
शुक्रवार को चिरईगांव की कामाख्या नगर कॉलोनी के पास तेंदुआ आखिरी बार झाड़ियों में देखा गया था। DFO स्वाति सिंह ने बताया कि ट्रेंक्यूलाइजर गन, पिंजरा और जाल लखनऊ से मंगवाया गया है। वन विभाग की अन्य जिलों की टीम यहां से वापस चली गई है। वाराणसी की एक टीम गांव में है। आसपास के जिलों को भी सूचना दी गई है कि अगर तेंदुआ कहीं दिखता है तो तुरंत पुलिस और वन विभाग को सूचना दें। सांपों का रेस्क्यू करने वाले पिंटू भी तेंदुए की सूचना पर पहुंचे। वह भी तेंदुए को खोजने में लग गए। उन्होंने कहा- अनुमान लगाया जा रहा कि तेंदुआ जिस रास्ते से आया था उसी रास्ते से चला गया। राधे कृष्ण गौ सेवा ट्रस्ट से जुड़े युवाओं का ग्रुप भी सरिया और लाठी, डंडे लेकर पहुंचा है। पुलिस और वन विभाग के साथ सर्च ऑपरेशन में मदद कर रही है। वन विभाग ने पिंजरा लगाया है। करीब 3 किमी के एरिया में जाल लगाया है। अभी तेंदुआ पकड़ा नहीं जा सका है।
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पुलिस के जवान बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर पहुंचे हैं। 100 पुलिसकर्मी तेंदुए की तलाश में लगे हैं। |
गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, चंदौली और वाराणसी की वन विभाग टीम और पुलिस के करीब 100 जवान तेंदुए को लगातार तलाश रहे हैं। पुलिस के जवान बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर मौके पर तैनात हैं। गांव के लोग घर से बाहर निकलते हैं तो झुंड बनाकर ही रह रहे हैं। पुलिस और वन विभाग की टीम सर्च कर रही है। लोगों को खेत और बाग की ओर नहीं जाने दिया जा रहा है।
गांव वालों से अपील...ऐसा न करें
कभी भी तेंदुए का पीछा न करें, डर के कारण वह कभी भी हमला कर सकता है।
घर और गांव के आसपास पालतू कुत्ते और अन्य जानवरों को बाहर न बांधे।
बचा हुआ भोजन खुली जगह पर न फेंके। यह आवारा पशुओं और तेंदुए को भी आकर्षित करते हैं।
बच्चों और महिलाओं को अकेला न छोड़ें।
पशु बांधने के कमरों को मजबूत रखें।
घर में दरवाजे नहीं हैं तो लगवा लें।
अंधेरे में बाहर निकलते समय गाना गाते हुए, तेज-तेज बात करते हुए या ट्रांजिस्टर या मोबाइल पर गाना बजाते हुए जाएं।
जब भी तेंदुआ दिखाई दे जोर से चिल्लाएं, हाथ हिलाएं, लेकिन उसका पीछा न करें।
बच्चे बाहर हमेशा ग्रुप में ही निकलें।