मुस्लिम व्यापारी ने कराई हिंदू बेटी की शादी, दुल्हन बोली- बड़े पापा को कभी भूल नहीं सकती
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, बिजनौर. बिजनौर में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली। एक मुस्लिम कारोबारी ने बुधवार को हिंदू बेटी की शादी कराई। बेटी के पिता कारोबारी के यहां 24 साल से काम कर रहे हैं।
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बिजनौर में हिंदू बेटी की शादी मुस्लिम कारोबारी नवाज खां (बाएं से दूसरे) ने कराई। |
कारोबारी ने शादी का पूरा खर्च उठाया। बैंक्वेट हॉल में बारात आई। जहां उन्होंने दुल्हन के बड़े पापा का फर्ज निभाते हुए बारातियों का भव्य स्वागत किया। हिंदू रीति-रिवाज से धूमधाम से शादी हुई। शादी में लड़की के पक्ष के साथ मुस्लिम व्यापारी का भी पूरा परिवार मौजूद रहा।
सात फेरे लेने के बाद दुल्हन की आंखों में आंसू आ गए। उसने कहा- मेरे बड़े पापा ने जो किया, उसे मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती हूं।
बड़ी बेटी की शादी का खर्च उठाने के लिए आगे आए
किरतपुर कस्बे में मोहल्ला काजियान है। यहां रहने वाले सफदर नवाज खां लोहा कारोबारी हैं। उनकी दुकान पर पिछले 24 साल से कस्बा निवासी गौतम कुमार काम रहे हैं। गौतम कुमार की हैसियत नवाज खां के लिए सिर्फ एक कर्मचारी की नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य के तौर पर है।
गौतम की चार बेटियां और एक बेटा है। दोनों परिवारों रिश्ता इतना मजबूत है कि गौतम के सभी बच्चे नवाज खां को ‘बड़े पापा’ कहकर पुकारते हैं। नवाज भी उन्हें अपने बच्चों की तरह मानते हैं। जब गौतम की बड़ी बेटी राखी की शादी की बारी आई, तो सफदर ने खुद आगे बढ़कर पूरा खर्च उठाया।
लखीमपुर खीरी से आई बारात, मुसलमानों ने किया स्वागत
बुधवार को राखी की बारात लखीमपुर खीरी से आई थी। दूल्हा शिवम कुमार जब बारात लेकर मंडावर रोड स्थित बैंक्वेट हॉल पहुंचा तो जोरदार स्वागत हुआ। बारातियों का स्वागत सिर्फ हिंदुओं ने ही नहीं किया, बल्कि मुस्लिम समाज के लोगों ने भी दिल खोलकर किया। गुलदस्ते दिए। मिठाइयां बांटी। बारातियों को गले लगाकर बधाई दी।
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शादी में शामिल हुए मुस्लिम और हिंदू समाज के लोगों ने फोटो खिंचवाई। |
सफदर नवाज खां ने शादी की पूरी रस्में हिंदू रीति-रिवाज से करवाईं। पंडित सुभाष खन्ना ने यज्ञ कराया, फेरों की प्रक्रिया सम्पन्न कराई और कन्यादान में सफदर नवाज खां व उनकी पत्नी ने हिस्सा लिया। जब दुल्हन को विदा किया गया, तो सफदर की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने कहा, राखी मेरी अपनी बेटी जैसी है। उसे विदा करते हुए दिल भारी हो गया।
गौतम कुमार के परिवार को सफदर नवाज खां न सिर्फ भावनात्मक सहारा देते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी हमेशा खड़े रहे हैं। गौतम के परिवार को जो मकान रहने के लिए मिला है, उसका कोई किराया नहीं लिया जाता। बेटियों की पढ़ाई से लेकर कपड़े-लत्ते तक की जिम्मेदारी भी सफदर खुद उठाते हैं।
हम सफदर नवाज खां को बड़े पापा कहते हैं
गौतम ने भावुक होते हुए कहा, अगर सफदर भाई न होते, तो मेरी बेटी की शादी इस तरह नहीं हो पाती। उन्होंने हमेशा हमें अपना समझा है। दुल्हन राखी ने कहा, हम सफदर नवाज खां को बड़े पापा कहते हैं। उन्होंने जो प्यार और दरियादिली मेरी शादी में दिखाई, वह मिसाल बन गई है।
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दुल्हन राखी के पिता गौतम कुमार ने कहा, नवाज खां ने हमेशा बड़े भाई का फर्ज निभाया है। |
सफदर नवाज खां ने कहा, राखी मेरी बेटी के समान है। उसकी शादी मेरा फर्ज था। जब समाज में नफरत फैलाई जा रही है, ऐसे समय में हमें मोहब्बत और इंसानियत की मिसाल कायम करनी चाहिए।