Today Breaking News

बीस हजार के लिए रिटायर्ड अफसर और पत्नी की हत्या, हत्यारा राजमिस्त्री बोला- पैसे मांगे तो मारकर भगा दिया था

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. प्रयागराज में FCI से रिटायर्ड अफसर और उनकी पत्नी को उनका घर बनाने वाले राजमिस्त्री ने ही मार डाला था। CCTV में दिखने के बाद पुलिस ने राजमिस्त्री श्याम बाबू को गिरफ्तार कर कर लिया।
कस्टडी में उसने कहा- अधिकारी अपने घर की दूसरी मंजिल पर कंस्ट्रक्शन करवा रहे थे। इसका ठेका मेरे ही पास था। वह मेरा पेमेंट समय पर नहीं करते थे। 20 हजार रुपए बकाया होने पर मैंने मांगे, लेकिन उन्होंने दिए नहीं।

28 अप्रैल की दोपहर में मैं ही मुंह पर गमछा लपेटकर उनके घर पहुंचा। घर में अरुण श्रीवास्तव और उनकी पत्नी मीना श्रीवास्तव ही थे। पहले मैंने बातचीत की और अपने पैसे मांगे। लेकिन, वह नाराज होने लगे। मुझे दो थप्पड़ मारे और गाली दी। तभी मैंने तय किया कि इन्हें नहीं छोड़ूंगा।

मैं राजमिस्त्री हूं, मेरे पास हथौड़ा था। मैंने उसी से अरुण पर पहला वार किया। उनकी चीख सुनकर पत्नी मीना कमरे से बाहर आ गईं। इसलिए उन्हें भी मारना पड़ा। बुधवार को DCP विवेक चंद्र यमुनापार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपी श्याम बाबू को पेश किया। दावा किया कि घर से ज्वैलरी और कैश नहीं लूटा गया था।

अब कत्ल की पूरी कहानी पढ़िए...
DCP विवेक चंद्र यमुनापार ने बताया- अरुण घर के फर्स्ट फ्लोर पर रहते थे। ग्राउंड फ्लोर पर स्टूडेंट सुनील किराए पर रहता था। सेकेंड फ्लोर पर अरुण कंस्ट्रक्शन करवा रहे थे। इसी मंजिल पर राजमिस्त्री श्याम बाबू काम कर रहा था। 3 महीने तक काम करवाया गया। उसके हिसाब से करीब 20 हजार रुपए अरुण ने श्याम बाबू को नहीं दिए थे। अरुण के परिवार वालों का कहना था कि जैसा बताया गया, वैसा काम श्याम बाबू ने नहीं किया। इसलिए पेमेंट रोका गया था।
ये अरुण श्रीवास्तव और उनकी पत्नी मीना श्रीवास्तव हैं, जिनकी हत्या राजमिस्त्री ने कर दी थी।
अपना पेमेंट लेने के लिए श्याम बाबू 27 अप्रैल की शाम करीब 7.30 बजे अरुण के पास रुपए मांगने आया था। अरुण ने उससे कहा कि तुम कल दोपहर में आना। इस पर 28 अप्रैल की दोपहर करीब 11.45 बजे श्याम बाबू दोबारा अरुण के घर पहुंचा। तब अरुण ने उससे कहा कि तुम 1 घंटे बाद आना। हम पैसा अरेंज करके तुम्हें दे देंगे। CCTV में वह 12.15 बजे घर से बाहर निकलता दिख रहा है।

श्याम बाबू 1.30 बजे दोबारा अरुण के घर पहुंचा। श्याम बाबू का कहना है कि जब मैं घर के अंदर रुपए मांगने पहुंचा, तब अरुण ने मुझे अपशब्द कहे। कहा कि तुम्हें पैसा नहीं दूंगा। जब मैंने कहा कि देने पड़ेंगे। तब अरुण ने मुझे दो थप्पड़ मारे थे। यह मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ। मेरे पास झोला था। उसमें हथौड़ा था। मैंने उसी से अरुण के सिर पर पहला वार किया। फिर 2 बार और उनके कंधे और गर्दन पर वार किए।

कत्ल के बाद हथौड़ा धोया, फोरेंसिक जांच में खून मिला
इसी बीच अरुण की पत्नी मीना भी कमरे से बाहर आ गई। इसलिए उनको भी मार दिया, क्योंकि वो मुझे पहचानती थीं। DCP विवेक चंद्र यमुनापार ने कहा- हत्या में इस्तेमाल हुआ हथौड़ा हमने बरामद कर लिया है। उसको श्याम बाबू ने पानी से धोया था। लेकिन, जब फोरेंसिक टीम ने केमिकल से हथौड़ा को साफ किया, तब खून के निशान मिल गए। इसको कोर्ट में पेश किया जाएगा।

आरोपी का पहले से कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं
आरोपी राजमिस्त्री श्याम बाबू का पहले से कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। परिवार में बुजुर्ग मां, पत्नी और दो बच्चे हैं। एक बेटी 9 साल की दूसरी 7 साल की है।

ऑटो वाले ने CCTV से पहचाना
पुलिस सूत्र बताते हैं- CCTV में कातिल दिखने के बाद मूवमेंट की दिशा में जांच शुरू की गई। पुलिस को एडीए मोड़ पर महर्षि विद्यालय के पास एक ऑटो वाले से सुराग मिला।
पुलिस ने यह CCTV जारी किया। इसमें लाल गमछा पहने और हाथ में झोला लिए कातिल दिखा था।
फुटेज में कातिल का हुलिया देखने के बाद ऑटो ड्राइवर ने उसे पहचान लिया। उसने बताया- कत्ल वाले दिन यह व्यक्ति मेरे ऑटो में बैठा था। मैंने इस शख्स को चटकहना से अपने ऑटो में बैठाया और एडीए मोड़ के पास छोड़ दिया था।

लेकिन, जब पुलिस पूरे एरिया के CCTV देखे, तब वह संदिग्ध व्यक्ति चंद्रलोक गेस्ट हाउस के रास्ते पर नजर आया था। उसके हाथ में झोला भी दिख रहा था। संदिग्ध व्यक्ति की 3 दिन की फुटेज पुलिस को मिली। वह एक पैर से लंगड़ा रहा था।

ड्राइवर से चंद्रलोक गेस्ट हाउस तक लोकेशन क्लियर होने के बाद पुलिस ने सर्विलांस से मदद ली। दरअसल, श्याम बाबू अपने साथ अरुण श्रीवास्तव और मीना का मोबाइल फोन लेकर गया था। लेकिन, उनको स्विच ऑफ नहीं किया था। इससे लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस प्रयागराज के लवायन खुर्द चटकहना तक पहुंची। यही पर श्याम बाबू रहता था।

लेकिन, वह घर से भागा हुआ था। इसलिए पुलिस की 2 टीमें लोकेशन ट्रेस करने के लिए लगा दी गईं। आखिरकार श्याम बाबू को छिवकी के भारतीय जीवन बीमा अस्पताल के पास से पकड़ लिया गया। पुलिस को श्याम बाबू ने बताया कि रास्ते में मैंने छिवकी चौकी के आगे झाड़ियों के पास अरुण और मीना के मोबाइल फेंक दिए थे। वो अभी पुलिस को नहीं मिले है।

श्याम बाबू के खिलाफ ये 4 अहम सबूत हैं...

पहला- उसका कबूलनामा, हत्या रुपया नहीं देने पर की।

दूसरा - कत्ल में इस्तेमाल किया गया हथौड़ा, फोरेंसिक टेस्ट में उस पर खून के निशान मिले हैं।

तीसरा - सीसीटीवी फुटेज, जिसमें श्याम बाबू लंगड़ाते हुए जाता हुआ दिख रहा है। 3 दिन की फुटेज में वह दिखा। यह अहम सुराग माना गया।

चौथा - श्याम की कॉल डिटेल (CDR) और उसकी मौजूदगी के साक्ष्य मेल खाते हैं।
DCP विवेक चंद्र यमुनापार ने बताया कि कैसे अरुण और मीना का मर्डर हुआ।
अरुण और मीना के शवों का पोस्टमॉर्टम 29 अप्रैल को SRN अस्पताल में हुआ। दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। इसकी फोटो और वीडियोग्राफी कराई गई। मौत का कारण हेड इंजरी आई है। रिपोर्ट में लिखा है कि खून ज्यादा बह जाने की मौत हो गई। पति-पत्नी के सिर, गर्दन, कंधे पर चोटें मिली हैं। अरुण के सिर, सीने, गर्दन, और कंधे पर 7 घाव थे। सिर पर कई जगह वार किए गए थे।
पुलिस ने हथौड़ा बरामद किया है। इसको बतौर सबूत कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मीना के सिर पर ज्यादा चोटें थीं। एक घाव ऐसा था कि कोई भारी चीज तेजी से मारी गई, जिससे सिर में गड्‌ढा टाइप हो गया। उनके सिर में 4 और गर्दन पर 1 वार था।

अब पूरा मामला जानिए...
फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) से रिटायर्ड अरुण श्रीवास्तव (65) पत्नी मीना श्रीवास्तव के साथ नैनी की ADA कॉलोनी के LIG मकान में रहते थे। वह मूलरूप से चुनार (मिर्जापुर) के रहने वाले थे। उनका घर चौराहे से करीब 100 मीटर दूर अक्षय वट अस्पताल के पास है।

उनके 3 बेटियां और एक बेटा है। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटी मिर्जापुर में लेक्चरर है। दूसरी प्रयागराज में ही रहती है। तीसरी बेटी बेंगलुरु में पति के साथ रहती है। बेटा मनीष मध्यप्रदेश के सीधी के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी करता है।

अरुण मकान के फर्स्ट फ्लोर पर रहते थे। घर के थर्ड फ्लोर पर 10वीं में पढ़ने वाला सुनील किराए पर रहता है।

दोपहर 3 बजे सुनील अरुण से मिला था। इसके बाद वह अपने कमरे में चला गया। शाम 5 बजे जब वह अपने कमरे से निकला तो देखा कि मेन गेट बाहर से लॉक है। इसके बाद वह अरुण श्रीवास्तव वाले हिस्से में गया। वहां भी दोनों कमरों में बाहर से ताला बंद था।

सुनील ने मेन गेट खुलवाने के लिए शोर मचाया। इस पर आसपास के लोग अरुण के घर के बाहर पहुंचे। मेन गेट पर ताला लगे होने की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस को अरुण की लाश और उनकी पत्नी मीना घायल अवस्था में मिलीं। बाद में अस्पताल में मीना की भी मौत हो गई।
 
 '