खाद्यान्न घोटाले में शामिल बीडीओ गिरफ्तार, 30 लाख के गबन में है आरोपी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) की वाराणसी शाखा ने बलिया में हुए खाद्यान्न घोटाले में शामिल पूर्व बीडीओ दयाराम विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया है। वह मूल रूप से चंदौली शाहबगंज का रहने वाला है। 2022 में रिटायर होने के बाद छुपकर कर्मजीतपुर, सुंदरपुर थाना चितईपुर वाराणसी में रह रहा था। फिलहाल पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया है।
2006 में दर्ज हुआ था मुकदमा
बलिया के बांसडीह थाने में साल 2006 धोखाधड़ी सहित शासकीय धन/खाद्यान्न लगभग 27 लाख रुपए गबन का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमें में बांसडीह ब्लॉक के पूर्व बीडीओ दयाराम यादव पर भी गबन का आरोप है। वह नामजद है। तभी से उसकी तलाश की जा रही थी। इसी बीच अभियुक्त डीडीओ सुल्तानपुर के पद से 2022 में रिटायर हुआ है।
कई दिनों से थी EOW को तलाश
EOW के निरीक्षक सुनील कुमार ने बताया- खाद्यान्न घोटाले के आरोपियों को लगातार गिरफ्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्व बीडीओ दयाराम विश्वकर्मा की भी तलाश की जा रही थी। मुखबिर की सूचना पर चितईपुर थानाक्षेत्र के कर्मजीतपुर, सुंदरपुर में छापेमारी कर एक मकान से दयाराम को गिरफ्तार किया गया है।
जानिए क्या है बलिया का खाद्यान्न घोटाला
पूरे प्रदेश में चर्चित खाद्यान्न घोटाले में साल 2006 में बलिया के बांसडीह थाने में खाद्यान्न घोटाले के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अब तक इस मामले में 20 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। EOW के अनुसार, आरोपियों पर सरकारी योजनाओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और कूटरचना के जरिए 30 लाख रुपए से अधिक की धनराशि के गबन का आरोप है। ये गबन संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत काम के बदले अनाज स्कीम के तहत हुआ था। जो वर्ष 2000 से 2005 के बीच संचालित हुई थी।
घोटाले की व्यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बलिया जिले में इस मामले में कुल 51 मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिनमें 6,049 लोगों को नामजद किया गया था। राज्य सरकार के निर्देश पर आठ मुकदमों की जांच CBI कर रही है। जबकि बाकी 43 मामलों की जांच EOW की वाराणसी इकाई को सौंपी गई है।