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गाजीपुर में महाहर धाम में सावन के पहले सोमवार पर उमड़ी कांवरियों की भीड़, DM-SP ने किया जलाभिषेक

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के महाहर धाम में सावन के पहले सोमवार पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित इस धाम में हजारों कांवरियों ने शिव का जलाभिषेक किया।
महाहर धाम में स्थित शिवलिंग की विशेष मान्यता है। माना जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए की थी। यहीं वह स्थान है जहां श्रवण कुमार को राजा दशरथ का शब्दभेदी बाण लगा था। श्रवण के माता-पिता के श्राप से मुक्ति पाने के लिए राजा दशरथ ने यहां शिवलिंग की स्थापना की। इसके बाद उन्हें राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के रूप में चार पुत्र प्राप्त हुए।

रविवार शाम से ही कांवरिये जिले के प्राचीन गंगा घाटों से जल लेकर महाहर धाम की ओर निकल पड़े। सोमवार की सुबह से ही मंदिर में जलाभिषेक के लिए भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। कांवरिये पूरी रात सड़कों पर चलते रहे और भोले बाबा के दर्शन के लिए उत्सुक रहे।

महाहर धाम पूर्वांचल समेत पूरे देश के लाखों शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है। सावन के पवित्र महीने में देशभर से श्रद्धालु यहां दर्शन और पूजन के लिए आते हैं। भक्तों में अपार श्रद्धा और उत्साह देखने को मिला। इस अपार भीड़ और आस्था को देख बरबस ही मुख से निकल पड़ता है ‘‘जय भोले जय भंडारी, तेरी तो महिमा न्यारी’’

पवित्र श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन एलर्ट रहा। जिलाधिकारी अविनाश कुमार और पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने देर रात कोतवाली क्षेत्र के प्रमुख गंगा घाटों का निरीक्षण किया।

अधिकारियों ने ददरी घाट और चीतनाथ घाट पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने कांवरियों के आवागमन के लिए रास्तों की स्थिति भी देखी। संबंधित अधिकारियों को यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के निर्देश दिए गए।

इसके अलावा, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने महाहर धाम का भी दौरा किया। वहां उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। दोनों अधिकारियों ने महाहर धाम स्थित दुर्लभ शिवलिंग का विधि-विधान से पूजन और जलाभिषेक भी किया। अधिकारियों ने लोगों से श्रावण मास को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील की।
 
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