पंचायत चुनाव से जुड़ी ये खबर पढ़ी क्या? घर-घर जाकर लिस्ट तैयार करेंगे BLO, नए मतदाता जानें नियम
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां अब गति पकड़ चुकी हैं। अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत चुनाव के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण और नए वोटर जोड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाने का फैसला लिया है। यह विशेष अभियान 14 अगस्त 2025 से शुरू होकर 29 सितंबर 2025 तक चलेगा।
इस अभियान में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाता सूची को दुरुस्त करने का कार्य करेंगे। इसके लिए आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक 800 मतदाताओं पर एक बीएलओ तैनात किया जाएगा। बीएलओ ना केवल नए पात्र मतदाताओं को सूची में शामिल करने का कार्य करेंगे, बल्कि पहले से सूची में दर्ज नामों का सत्यापन भी करेंगे।
युवाओं पर रहेगा फोकस
राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी और विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा ने जानकारी दी कि अभियान का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटने न पाए। उन्होंने बताया कि इस बार विशेष जोर उन युवाओं पर दिया जाएगा जो आगामी चुनाव तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके होंगे। 1 जनवरी 2025 को जिनकी उम्र 18 साल या उससे अधिक हो चुकी होगी, वे इस बार पंचायत चुनाव में वोट देने के योग्य होंगे। बीएलओ अभियान के दौरान लोगों को मतदाता बनने के लिए जागरूक भी करेंगे और ऑनलाइन आवेदन की सुविधा के बारे में भी बताएंगे। ऑनलाइन आवेदन करने वालों के दस्तावेजों की जांच बीएलओ मौके पर जाकर करेंगे, जिससे पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
यूपी में हैं 57694 ग्राम पंचायतें
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 57694 ग्राम पंचायतें, 826 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं। इन सभी पर चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में प्रस्तावित हैं। इसके लिए पहले चरण में मतदाता सूची को अद्यतन करने का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा गया है।
चुनावी जानकारों का मानना है कि ग्राम स्तर से शुरू होने वाला यह चुनावी कार्य लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करता है। यही कारण है कि निर्वाचन आयोग इस अभियान को लेकर पूरी तरह गंभीर है और मैदान स्तर पर सक्रियता बनाए हुए है।
मतदान के लिए भी किया जाएगा जागरूक
यह अभियान ना केवल वोटर जोड़ने का जरिया होगा, बल्कि लोगों को अपने मताधिकार के प्रति जागरूक करने का माध्यम भी बनेगा। बीएलओ की जिम्मेदारी सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक है। वे लोगों को समझाएंगे कि पंचायत चुनाव भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव जितना ही महत्वपूर्ण है।
मतदाता बनने की प्रक्रिया आसान की गई है। लोग NVSP पोर्टल या वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर बीएलओ दस्तावेजी मदद भी देंगे।