गंगा के रौद्र रूप संग बहे पीपा ने मचाया हड़कंप, रोका गया ट्रैफिक, ट्रेनों के पहिए भी थमे
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के प्रशासनिक, पुलिस महकमे से लेकर रेलवे विभाग में उस समय हड़कंप मच गया जब पता चला कि मिर्जापुर के नारायणपुर, चुनार में मौजूद पीपा का पुल टूट गया है और गंगा के तेज बहाव के साथ वाराणसी की तरफ बढ़ रहा है।
पीपा के वाराणसी के तरफ आने की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। अनहोनी से बचने के लिए सबसे पहले वाराणसी में विश्वसुंदरी पुल, सामनेघाट पुल, मालवीय पुल राजघाट और वाराणसी चंदौली को जोड़ने वाले रिंग रोड पर बने गंगा पुल पर आवागमन रोक दिया गया। गंगा पर बने सभी पुलों पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए। रेलवे को भी सूचना दी गई क्योंकि मालवीय पुल राजघाट से ट्रेनें गुजरती हैं। रेलवे प्रशासन ने भी पुल से गुजरने वाली ट्रेनों को वाराणसी और आसपास के स्टेशनों पर रोक दिया गया। रेलवे अधिकारी भी मालवीय पुल पहुंच गए।
एनडीआरएफ से लगायत जल पुलिस भी सतर्क हो गई। देर रात जब सभी पीपा वाराणसी में मौजूद पुलों के खंभों के बीच से होते हुए चंदौली की तरफ बह गए। हालांकि कुछ पीपे के पुलों से टकराने की भी जानकारी सामने आई है, हालांकि पीपों के टकराने से कोई क्षति नहीं हुई है। मीरजापुर से बाढ़ के वेग के साथ बहकर आए पीपा जब वाराणसी क्षेत्र से आगे निकल गए तब जाकर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। वाराणसी से पीपा के आगे जाने पर तत्काल चंदौली, गाज़ीपुर और बलिया जिले को अलर्ट किया गया। बलिया के रास्ते बिहार में गंगा प्रवेश करती है इसलिए बिहार में भी पीपा के बहने की सूचना दी गई ताकि समय से प्रबंध किए जा सकें।
पुलिस प्रशासन ने आम पब्लिक को पीपा का पुल बहकर वाराणसी की तरफ आने की जानकारी नहीं दी वरना अफरातफरी मच सकती थी। पीपा के पुलों के खंभों से टकराने से क्षति की आशंका पर पुलिस ने सभी पुलों पर आवागमन रोक दिया जिससे पुल के दोनों तरफ भयंकर जाम लग गया। चंदौली, बिहार को जाने वाले लोग जाम में घंटों फंसे रहे। लोगों को ये समझ नहीं आ रहा कि आखिर वाहन क्यों रोके गए हैं। इस बीच महिला से स्नेचिंग, पुल से किसी के कूदने समेत अन्य अफवाह फैल गई। हालांकि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद था। इस बीच ट्रैफिक जाम में फंसे कुछ लोगों ने हो हल्ला शुरू किया लेकिन जब मालूम हुआ कि पीपा बहकर पुल की तरफ आ रहा तब जाकर शांत हुए।
पीपा के बहकर मालवीय पुल राजघाट जो 1887 का बना है, की तरफ आने की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नीलांचल, हिमगिरि, बरौनी - गोंदिया, गंगा सतलज और दुर्ग ट्रेन को वाराणसी के शिवपुर, कैंट, व्यास नगर रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। मालवीय पुल से पीपा जब चंदौली की तरफ बढ़ गए, रेलवे के इंजीनियरों की टीम ने पुल की जांच की। फिटनेस रिपोर्ट मिलने के बाद देर रात लगभग 11 बजे रोकी गई ट्रेनों को पुल से गुजरने के लिए हरी झंडी दिखाई।
पीपा के गंगा के तेज बहाव के साथ काशी की तरफ आने की जानकारी मिलते ही नाविकों में हड़कंप मच गया। वाराणसी में पीपा के नावों और क्रूज से टकराने की आशंका से नाविकों में दहशत थी। पीपा के राजघाट पुल से आगे बढ़ने पर सभी ने राहत की सांस ली।