गाजीपुर में थाने में लाइट बंद कराकर बरसाई लाठियां, भाजपा कार्यकर्ता की मौत; 6 सस्पेंड, 5 लाइन हाजिर
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में पुलिस ने थाने की लाइट बंद करवाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को जमकर पीटा। कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर थाने गए थे। सुनवाई न होने पर वहीं पर धरने पर बैठ गए। इसी दौरान अचानक लाइट चली गई। पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दी। उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर जमकर पीटा।
पिटाई में घायल बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की गुरुवार को मौत हो गई। वह दिव्यांग थे। लाठीचार्ज के दौरान वह भाग नहीं पाए और गिर पड़े। परिजनों का आरोप है पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा था। पूरा शरीर काला पड़ गया था। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने घटना के बाद सियाराम को अपना कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनका जमकर विरोध हुआ। गुरुवार को वह सियाराम के घर पहुंचे। स्वीकार किया कि सियाराम भाजपा कार्यकर्ता थे, तब जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ।
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| मृतक सियाराम |
वहीं, SP डा. ईरज राजा ने कहा, परिजनों की मांग पर मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। साथ ही पोस्टमॉर्टम के लिए शव भेजा गया है। उन्होंने कहा, मामले में थाने के कुल 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। जिनमें थाना इंचार्ज समेत 6 पुलिसकर्मी निलंबित, जबकि 5 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए गए हैं।
थाने के अंदर भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई का वीडियो सामने आया है। मामला 9 सितंबर की रात का है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने भाजपा कार्यकर्ता की मौत का मामला राज्य मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराया है।
अब जानिए पूरा मामला...
प्रधान और पूर्व प्रधान पक्ष के बीच विवाद हुआ था थाना नोनहरा क्षेत्र के गांव रुकन्दीपुर में 9 सितंबर को बिजली का खंभा लगाने को लेकर प्रधान और पूर्व प्रधान पक्ष के बीच विवाद हुआ। शाम को एक पक्ष के 20-25 लोग थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने लोगों को समझाया मामला दूसरे विभाग से जुड़ा है। पुलिस ने संबंधित विभाग से संपर्क भी किया, लेकिन लोग नहीं माने। रात में अचानक बिजली चली गई।
सियाराम भाग नहीं पाए और जमीन पर गिर पड़े आरोप है कि पुलिस वालों ने लाइट काटी थी। इसी दौरान पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। गांव वालों के अनुसार, गांव रुकंदीपुर निवासी बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम भाग नहीं पाए और जमीन पर गिर पड़े।
पीठ, पैर और अन्य जगह चोट के गंभीर निशान थे आरोप है कि पुलिस ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी। जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए। उनकी पीठ, पैर और अन्य जगह चोट के गंभीर निशान थे। पूरा शरीर काला पड़ गया था। किसी तरह वह अपने घर पहुंचे। दो दिन से उनका इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह उनकी मृत्यु हो गई।
थाने से बेटा आया तो उसे बहुत चोट लगी थी सियाराम के पिता गिरिजा उपाध्याय ने बताया– मेरा बेटा दिव्यांग था। थाने पर धरने पर बेटा गया हुआ था। लौट के आया तो उसे काफी चोट लगी थी। पूछने पर उसने बताया कि पुलिस ने लाठियों से बेरहमी से पीटा है। हम इंसाफ चाहते हैं। जिन पुलिसकर्मियों ने उसे मारा है, उन पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
मां मालती देवी ने कहा- मेरा बेटा नोनहरा थाने गया था। किसके साथ गया था, यह मुझे नहीं जानकारी नहीं है। वहां पुलिस ने लाठी चलाई। सब लोग भाग गए, लेकिन मेरा बेटा भाग नहीं पाया। लाठीचार्ज के दौरान बेटे को बुरी तरह से पीटा गया। घटना की रात घर वापस आने पर उसकी तबीयत बहुत खराब थी। कई जगह चोट लगी थी। स्थानीय डॉक्टरों से इलाज हुआ। गुरुवार भोर में उसकी मौत हो गई।
साथी ने कहा- 25 से 30 पुलिसकर्मियों ने थाने का गेट बंद करवाकर पीटा सियाराम उपाध्याय के साथ गांव के मिंटू सिंह भी थाने पर धरने पर बैठे थे। मिंटू सिंह ने बताया- हम 40-50 लोग अपनी समस्या को लेकर थाने पर धरने पर बैठ थे। हम सभी वहां एक बजे रात तक धरना देते रहे। करीब डेढ़ बजे एसओ ने कप्तान से आदेश लेकर हम लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। सबको बहुत चोट आई।
लाठीचार्ज के दौरान लाइट काट दी गई थी। गेट बंद कर दिया गया था। घेर कर पुलिसवालों ने हम लोगों को मारा। करीब 25-30 पुलिसकर्मियों ने पीटा। मुझे थाने के अंदर ले जाकर मारा गया। सबको कहीं न कहीं चोट आई है। सियाराम भागते समय गिर गए थे। चार सिपाहियों ने उन्हें बेरहमी से पीटा। हम लोग चाहते हैं पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया जाए।
बीजेपी कार्यकर्ता का लोगों ने किया विरोध बीजेपी जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने पहले सियाराम को बीजेपी कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दिया था। गुरुवार को बीजेपी जिलाध्यक्ष, सियाराम के घर पहुंचे तो लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। उनके बयान पर नाराजगी जताई। बाद में बीजेपी जिलाध्यक्ष ने माना कि सियाराम पार्टी के कार्यकर्ता थे, तब जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ।
सपा नेता भावुक हुए, बोले- भाजपा ने कार्यकर्ता मानने से इनकार किया सपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार पांडेय भावुक हो गए। रोते हुए उन्होंने ब्राह्मण समाज से एकजुट होने का आह्वान किया। कहा- समाज के लोग खुद को पहचानें और ताकत पैदा करें। यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है।
उन्होंने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा- कल सियाराम को कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दिया गया। आज कार्यकर्ता मान लिया गया। ऐसे ही हमारे समाज का सत्यानाश हो जाएगा। एकजुट हो जाओ, यही कहना चाहता हूं।
इन पुलिसकर्मी को किया निलंबित
थाना प्रभारी निरीक्षक वेंकटेश तिवारी, दरोगा अवधेश कुमार राय, हेड कॉन्स्टेबल नागेंद्र सिंह यादव, सिपाही धीरज सिंह, अभिषेक पांडेय, राकेश कुमार।
ये पुलिसकर्मी हुए लाइनहाजिर
दरोगा कमलेश गुप्ता, जुल्फिकार अली, सिपाही मुलायम सिंह, राघवेंद्र मिश्र, राजेश कुमार।



