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गाजीपुर पुलिस अधीक्षक ने ट्रेनी सिपाहियों को दिया गुरु मंत्र

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर पुलिस लाइन के सभागार कक्ष में पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने शुक्रवार को प्रशिक्षु आरक्षियों को विधि चिकित्सा और फोरेंसिक मेडिसिन विषय पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। इस दौरान एसपी ने फोरेंसिक विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक पुलिसिंग में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने प्रशिक्षुओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
प्रशिक्षण का मुख्य विषय "चोटों के प्रकार" रहा। इसमें आग्नेयास्त्र, धारदार हथियार, नुकीले हथियार, बाइट मार्क, विस्फोट, दाह (जलन), द्रववाह (गरम तरल से जलना) और मशीन/यंत्र से होने वाली चोटों की पहचान पर विशेष चर्चा की गई। फायरआर्म इंजरी के प्रवेश-निकास घाव, फायरिंग की दूरी का निर्धारण और धारदार व नुकीले हथियारों से होने वाले घावों के पैटर्न को भी समझाया गया।

सत्र में दंत-फोरेंसिक (Forensic Odontology) के माध्यम से बाइट मार्क की पहचान पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त, विस्फोटक पदार्थों से होने वाली चोटों की प्रकृति, जलने की तीनों श्रेणियों (प्रथम, द्वितीय, तृतीय) के फोरेंसिक पहलू और गर्म तरल पदार्थों से होने वाली स्काल्ड इंजरी की विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला गया। मशीन या भारी वस्तुओं से होने वाली कुचलन (Crush Injuries) की चिकित्सकीय और विधि-वैज्ञानिक पहचान की भी जानकारी दी गई।

पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने सभी प्रशिक्षुओं को इन फोरेंसिक तकनीकों और चोटों की पहचान की विधियों का गंभीरता से अभ्यास करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में घटनास्थलों की वैज्ञानिक तरीके से जांच की जा सकेगी। एसपी ने जोर दिया कि अपराधों की प्रभावी विवेचना और सटीक रिपोर्टिंग के लिए फोरेंसिक ज्ञान अत्यंत आवश्यक है, जो पुलिसिंग को अधिक मजबूत और परिणामदायक बनाएगा।
 
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