Today Breaking News

गाजीपुर में सर्दी से बच्चों में निमोनिया, टीबी का खतरा; बाल रोग विशेषज्ञ ने दिए बचाव के सुझाव

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में बढ़ती सर्दी के कारण बच्चों में बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में प्रतिदिन 150 से अधिक बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए, मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार ने सर्दी से जुड़ी बीमारियों, उनके उपचार और बचाव पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने जोर दिया कि बढ़ती ठंड में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।
डॉ. प्रभात कुमार के अनुसार, सर्दी के मौसम में बच्चों में सांस लेने में दिक्कत, खांसी और सर्दी-जुकाम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सुबह, शाम और रात के समय अधिक ठंड होने के कारण बच्चों को गर्म कपड़ों की आवश्यकता बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि बच्चों के पूरे शरीर को ऊनी कपड़ों, मोजे, टोपी और जूतों से ढककर रखना सबसे प्रभावी बचाव है। इसके अतिरिक्त, बच्चों को ठंडी चीजों के सेवन से परहेज कराना चाहिए और सर्दी-जुकाम होने पर उन्हें अन्य बच्चों से दूर रखना चाहिए।

डॉ. कुमार ने सर्दी के मौसम में साफ-सफाई की कमी से होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं का भी उल्लेख किया। नियमित रूप से न नहाने के कारण बच्चों में त्वचा संक्रमण, वायरस और वायरल बुखार जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों के हाथ-मुंह नियमित रूप से साफ कराएं और उनके कपड़े समय-समय पर बदलते रहें, ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके।

डॉ. प्रभात कुमार ने निमोनिया को बच्चों में तेजी से फैलने वाली गंभीर समस्या बताया। सांस लेने में तकलीफ, साय-साय की आवाज, नाक का जाम होना, दूध पीने में दिक्कत जैसी समस्याएं। निमोनिया के प्रमुख संकेत हैं।

ऐसे में माता-पिता को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जन्म से छह माह तक मां का दूध बच्चों के लिए अमृत समान होता है। कुछ माताएं ऊपर का दूध और मोबाइल दिखाने की आदत डाल देती हैं, जिससे कुपोषण और टीबी जैसी गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। इसलिए छह माह तक बच्चों को केवल मां का दूध ही पिलाने की सलाह दी गई है।
 
 '