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गाजीपुर: बसपा में विधानसभा प्रभारियों का टोटा, राजनीतिक गलियारों में चर्चा कि बसपा का गिरा ग्राफ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बसपा के विधानसभा नये प्रभारियों की घोषणा नही होने पर राजनीतिक गलियारो में चर्चा जोरो पर है कि सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद बहुजन समाज पार्टी का राजनीतिक बाजार में रेट कम हो गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 2002 से लेकर 2012 तक विधानसभा प्रभारी बनने के लिए नेताओं में हो़ड़ मची रहती थी। विधानसभा प्रभारी बनने के लिए हर बसपा नेता नहले पर दहला दांव मारता था क्‍योकि बसपा में जो विधानसभा प्रभारी होता है वही विधानसभा के टिकट का असली दावेदार होता है। 

विधानसभा प्रभारी को ही बसपा के हाईकमान द्वारा बसपा का सिम्‍बल दिया जाता है। इस संदर्भ में जोनल मुख्‍य को-आर्डिनेटर घनश्‍याम खरवार ने पूर्वांचल न्‍यूज डाट काम को बताया कि बसपा का कोई भी ग्राफ नही गिरा है। आज भाजपा के बाद प्रदेश में दूसरे नम्‍बर की लोकप्रिय पार्टी है। बसपा को 21 प्रतिशत मत मिले हैं। हम जिस क्षण चाहे उस क्षण प्रभारी की घोषणा कर दें। उन्‍होने कहा कि 2022 में बसपा की बहुमत वाली सरकार बनेगी। घनश्‍याम खरवार का दावा भले ही पार्टी को यूपी की बडी  पार्टी के रुप में खड़ा करती है लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गठबंधन टूटने व सीबीआई और ईडी के छापे के बाद बसपा के शर्तो पर प्रभारी पद पर दांव लगाने के लिए नेता तैयार नही हैं।

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