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CAA पर उत्तर प्रदेश ने कर दी शुरुआत, केंद्र को भेजी शरणार्थियों की लिस्‍ट

गृह मंत्रालय को इन शर्णार्थियों के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ एक रिपोर्ट भेजी है. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शर्णाथियों की आपबीती और पूरी जानकारी है
उत्तर प्रदेश सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों की पहली सूची गृह मंत्रालय को भेज दी है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश नागरिकता कानून लागू करने की प्रकिया को आगे बढाने वाला पहला राज्य बन गया है. इस लिस्‍ट में अधिकतर हिंदू नाम हैं. 11 दिसंबर को संसद में नागरिकता संशोधन कानून पास किया गया था. 10 जनवरी से यह कानून देशभर में लागू हो गया है.

यूपी ने गृह मंत्रालय को इन शरणार्थियों के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ एक रिपोर्ट भेजी है. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शर्णाथियों की आपबीती और पूरी जानकारी है. पिछले हफ्ते गृह मंत्रालय ने सभी डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट को अपने अपने इलाके से शर्णाथियों की पहचान कर एक सूची बनाने के लिए कहा था. ये सूची सरकार को जमा करनी होगी.


डाटा कंपाइलेशन से जानकारी मिली है कि 40,000 हजार से ज्यादा शरणार्थी गैरकानूनी रूप से उत्तरप्रदेश के 19 जिलों में रह रहे हैं. इन जिलों में लखनऊ, पीलीभीत, मेरठ, झांसी, बहराइच, लखीमपुर खीरी, कानपुर, प्रतापगढ, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मथुरा, सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, गोरखपुर, रामपुर, आगरा और रायबरेली शामिल है.


नागरिकता संशोधन क़ानून पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गजट अधिसूचना जारी कर दी है. कानून लागू होने के बाद राज्य सरकारों के पास नागरिकता के लिए शरणार्थियों की ओर से आवेदन भी आने लगे हैं. कानून लागू होते ही दो दिन के अंदर यूपी सरकार के पास लगभग 50,000 आवेदन आ चुके हैं. केवल पीलीभीत से 38,000 शरणार्थियों की अर्जियां आई हैं.

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