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Defense Expo 2020: PM नरेंद्र मोदी बोले- दुनिया की दूसरी बड़ी सेना कब तक इम्पोर्ट के भरोसे बैठती

Defense Expo 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है.
लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में Defense Expo 2020 का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य तो है ही, आने वाले समय में ये देश में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग के भी सबसे बड़े हब में से भी एक होने वाला है. ऐसे में नए दशक के इस पहले डिफेंस एक्स्पो का यहां होना, अपने आप में प्रसन्नता का विषय है.'

पीएम ने कहा, 'इस बार एक हज़ार से ज्यादा डिफेंस मैन्यूफैक्चरर और दुनियाभर की डेढ़ सौ कंपनियां इस एक्स्पो का हिस्सा हैं. इसके अलावा 30 से ज्यादा देशों के डिफेंस मिनिस्टर्स और सैकड़ों बिजनेस लीडर्स भी यहां उपस्थित हैं.' प्रधानमंत्री  ने कहा, 'आज का ये अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है. मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा बढ़ेगी, वहीं डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.'


नई टेक्नॉलॉजी से भारत अछूता नहीं - पीएम
पीएम ने कहा कि, दुनिया में जब  21वीं सदी की चर्चा होती है तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ़ ध्यान जाता है. आज का ये डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, उसकी व्यापकता, उसकी विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का सबूत है.

पीएम ने कहा, 'रक्षा और इकॉनोमी जैसे विषयों की जानकारी रखने वाले ज़रूर इस बात को जानते हैं कि भारत सिर्फ़ एक बाज़ार ही नहीं है. भारत पूरे विश्व के लिए एक अपार अवसर है.' उन्होंने कहा, 'टेक्नॉलॉजी का गलत इस्तेमाल हो और टेररिज्म हो या फिर सायबर थ्रेट, ये पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती है. नई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई टेक्नॉलॉजी को इवॉल्व कर रही हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है.'

डिफेंस एक्सपोर्ट  5 बिलियन डॉलर तक बढ़ाया जाए
भारत की सामरिक शक्ति पर पीएम ने कहा, 'आर्टिलरी गन्स हों,  एयर क्राफ्ट करियर हों, फ्रिजेट्स हों, सबमरीन हों, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हों, कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स हों, ऐसे अनेक साजो-सामान आज भारत में ही बन रहे हैं.

भारत की सैन्य ताकत को दुनिया तक पहुंचाने के संबंध में पीएम ने भविष्य से जुड़ी उम्मीद के बारे में भी बात की. पीएम ने कहा, 'अब हमारा लक्ष्य ये है कि आने वाले 5 वर्ष में डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर यानी करीब  35 हज़ार करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाए.' पीएम मोदी ने कहा, 'दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी, दुनिया की दूसरी बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, कब तक सिर्फ और सिर्फ इम्पोर्ट के भरोसे रह सकता था.'


अब रास्ते खोले गए
पीएम ने कहा, 'आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं- शोध और विकास की उच्च क्षमता और उन शस्त्रों का उत्पादन. बीते 5-6 वर्षों में हमारी सरकार ने इसे अपनी राष्ट्रनीति का प्रमुख अंग बनाया है. मैं समझता हूं कि उपभोक्ता और निर्माता के बीच भागीदारी से राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सकता है.'
उन्होंने कहा, 'पहले डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में प्राइवेट सेक्टर को टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की बहुत समस्याएं आती थीं. इसके लिए अब रास्ते खोले गए हैं और DRDO में भारतीय उद्योगों के लिए बिना चार्ज के ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी की नीति बनायी गई है. ऐसे कदमों से वर्ल्ड सप्लाई चेन में भारतीय उद्योगों की भागीदारी बढ़ेगी. दुनिया के टॉप डिफेंस मैन्युफैक्चर्रस को अधिक काम्पीटेंट इंडियन पार्टर्नर्स मिलेंगे.'

हाल ही में सीडीएस पद के गठन का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के बनने से डिमांड और मैन्यूफैक्चरिंग की प्रक्रिया और आसान होने वाली है. इसका निश्चित लाभ डिफेंस सेक्टर्स से जुड़े उद्योगों को होगा और इस सेक्टर में इन्वेस्ट करने के इच्छुक आप सभी निवेशकों को होगा.'

 200 नए डिफेंस स्टार्ट अप्स शुरू करने का लक्ष्य
उन्होंने कहा, 'आज भारत में दो बड़े डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है.जिसमें से एक तमिलनाडु में और दूसरा यहीं उत्तर प्रदेश में हो रहा है.' पीएम ने कहा, 'यूपी के डिफेंस कॉरिडोर के तहत यहां लखनऊ के अलावा अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट और कानपुर में नोड्स स्थापित किए जाएंगे. वैसे यहां पास में ही अमेठी के कोरबा में इंडो रशियन राइफल्स लिमिटेड के बारे में आपने जरूर सुना होगा.'

पीएम ने कहा, 'भारत में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग को गति देने के लिए और विस्तार देने के लिए नए लक्ष्य, नए टारगेट रखे गए हैं. हमारा लक्ष्य रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एमएसएमआई की संख्या को अगले 5 वर्षों में 15 हजार के पार पहुंचाना है. इसके लिए, 200 नए डिफेंस स्टार्ट अप्स शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. कोशिश ये है कि कम से कम 50 नई टेक्नॉलॉजी और उत्पादों का विकास हो सके.'


भारत ने इन्डिजनस टेक्नॉलॉजी का विकास किया
पीएम ने कहा, 'वैसे मेरा ये भी सुझाव है कि देश की प्रमुख इंडस्ट्री बॉडीज को डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग का एक कॉमन प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए जिससे वो रक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के विकास और उत्पादन, दोनों का लाभ उठा सकें.' मोदी ने कहा, 'आउटर स्पेस में भारत की उपस्थिति, पहले से ही मजबूत है और आने वाले वर्षों में ये और सशक्त होने वाली है. भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी 130 करोड़ भारतीयों को गवर्नेंस से लेकर सुरक्षा तक में अहम भूमिका निभा रही है. मुझे गर्व है कि इस मामले में भारत ने इन्डिजनस टेक्नॉलॉजी का विकास किया है. आज ISRO भारत के लिए, पूरी दुनिया के लिए, आउटर स्पेस को एक्सप्लोर कर रहा है, तो भारत का DRDO इन संपत्तियों को गलत ताकतों से बचाने के लिए  डिफेंस की दीवार खड़ी कर रहा है.'

पीएम ने कहा, 'भारत आज से नहीं बल्कि हमेशा से विश्व शांति का भरोसेमंद पार्टनर रहा है. दो विश्वयुद्ध में हमारा डायरेक्ट स्टेक ना होते हुए भी भारत के लाखों जवान शहीद हुए. आज दुनियाभर में 6 हज़ार से ज्यादा भारतीय सैनिक यूएन पीस कीपिंग फोर्सेज का हिस्सा हैं.' उन्होंने कहा कि भारत में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में असीमित संभावनाएं हैं. यहां टैलेंट है और टेक्नोलॉजी भी है, यहां  इनोवेशन है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी है, यहां फेवरेबल पॉलिस है और विदेशी निवेश की सुरक्षा भी है.

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