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लॉकडाउन: बेरोजगार होने के बाद एक हजार किलोमीटर से ज्यादा पैदल चलकर घर पहुंची 7 माह की गर्भवती महिला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बांदा. गुजरात के सूरत में मजदूरी कर रही सात महीने की गर्भवती महिला 1000 किलोमीटर से ज्यादा की पैदल यात्रा करके उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित अपने गांव पहुंची। गर्भवती महिला के साथ उसका दो साल के बच्चा भी था। बांदा से सूरत की सड़क मार्ग की दूरी 1,066 किलोमीटर है। यह महिला अपने पति के साथ गुजरात के सूरत की एक निजी फैक्ट्री में मजदूरी करती थी।

बांदा जिले के भदावल गांव की रहने वाली महिला ने अपनी दास्तान सुनाई कि कोरोना वायरस की वजह से 24 मार्च (मंगलवार) की शाम अचानक बुधवार से लॉकडाउन की घोषणा के बाद फैक्ट्री मालिक ने सभी मजदूरों को फैक्ट्री से बिना पगार दिए ही निकाल दिया था। कोई विकल्प न होने पर रेल पटरी के सहारे दो साल के बच्चे को गोद में लेकर हम पैदल ही चल दिए थे। रास्ते में भगवान के अलावा किसी ने मदद कोई नहीं की। उसने बताया कि "गांव तो बहुत मिले, जहां पीने के लिए पानी और खाने के लिए थोड़ा गुड़ गांव वाले दे देते रहे हैं।"

महिला ने आगे बताया कि गुरुवार तड़के सूरत से चले थे और मंगलवार सुबह बांदा पहुंच पाए हैं। इतने दिन के सफर में कई बार एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन नहीं मिली। बांदा जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ. संपूर्णानंद मिश्रा ने बताया कि यह दंपत्ति मंगलवार बांदा आ पाया है, ट्रॉमा सेंटर में प्राथमिक जांच के बाद इन्हें एंबुलेंस से उनके गांव भदावल भेज दिया गया है। जहां ये अपने घर में 14 दिन तक एकांत में रहेंगे।

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