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90 फीसद कोरोना संक्रमित 10-12 दिन में हो जाते हैं ठीक, कुछ मरीजों को लगता है समय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। कोरोना वायरस से संक्रमित 90 फीसद लोगों की जांच रिपोर्ट 10-12 दिन में निगेटिव हो जाती है। बाकी लोगों में कुछ लंबा समय लग सकता है। हर व्यक्ति के शरीर की मॉलीक्युलर संरचना अलग होती है। इसलिए कुछ लोगों में लंबा समय लग सकता है। यदि 10-12 दिन में रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ रही है तो इसको लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है।

विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि रैपिड टेस्ट में लक्षण खत्म होने के बावजूद लंबे समय तक रिपोर्ट पाजिटिव आ सकती है। इंडियन एसोसिएशन कॅफ माइक्रो बायोलॉजिस्ट सदस्य डॉ. विनीता खरे के मुताबिक, माइल्ड पॉजिटिव लोगों में आरएनए वायरल लोड कम रहता है। देखा गया है कि इनमें 10-12 दिन में मॉलीक्युलर कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव हो जाती है, जबकि अधिक वायरल लोड के मरीजों में थोड़ा लंबा समय लगता है। हालांकि, रिपोर्ट पॉजिटिव रहने के बाद भी मरीज की परेशानी काफी कम हो जाती है।

डॉ.विनीता कहती है अभी हम लोगों के पास इस तरह के कम मामले हैं। इसलिए इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल में दूसरे देशों के शोध पत्र के आधार पर सारी जानकारी एकत्र की जा रही है। लांसेट जर्नल में प्रकाशित शोध में 76 मरीजों पर किए गए अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है 90 फीसद मरीजों में जांच रिपोर्ट 10-12 दिन में निगेटिव हो जाती है। मतलब, नाक और गले में वायरस खत्म हो जाता है।

देखा गया है कि नए संक्रमित कोविड-19 मरीज में जितना अधिक वायरल लोड होता है, लक्षण भी उतने गंभीर होते हैं। गंभीर मामलों में वायरल लोड माइल्ड (हल्के) केस के मुकाबले 60 गुना अधिक होता है। 10-12 दिन में माइल्ड और गंभीर केस के 90 फीसद मामले निगेटिव हो जाते हैं।

वायरल लोड के आधार पर होती है प्लानिंगअधिक वायरल लोड वाले मरीजों में दूसरी परेशानियां जैसे दिल, किडनी व फेफडे़ की परेशानी अधिक होती है। इनको आइसीयू की भी जरूरत पड़ सकती है। डॉ.विनीता का कहना है कि वायरल लोड के आधार पर इलाज की प्लानिंग में काफी मदद मिल सकती है।
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