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155 वर्ष पुराने इलाहाबाद बैंक का वजूद खत्म, इंडियन बैंक में आज से हुआ विलय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। जी हां...करीब 155 वर्ष पुराने इलाहाबाद बैंक का वजूद खत्म हो गया है। पहली अप्रैल यानी आज बुधवार को इस बैंक का विलय इंडियन बैंक में हो गया है। अब इस बैंक का साइन बोर्ड भी खत्म हो जाएगा। हालांकि, इलाहाबाद बैंक के मंडलीय कार्यालय और मुख्य ब्रांच, सिविल लाइंस का साइन बोर्ड मंगलवार को ही बदल दिया गया था। अन्य शाखाओं का साइन बोर्ड लॉकडाउन के बाद बदलेगा। 

इलाहाबाद बैंक की स्थापना सन् 1865 में इलाहाबाद में ही हुई थी
इलाहाबाद बैंक की स्थापना सन् 1865 में इलाहाबाद में ही हुई थी। शुरुआत में इसका मुख्यालय भी यहीं था। हालांकि  बाद में मुख्यालय कोलकाता शिफ्ट हो गया। बुधवार से इसका अस्तित्व समाप्त हो गया है। इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होने से कुल 16 शाखाएं हो जाएंगी। अभी तक इंडियन बैंक की सिर्फ दो शाखाएं जीरो रोड और सिविल लाइंस में थीं। इलाहाबाद बैंक की 14 शाखाएं थीं। 

एआइएबी इंप्‍लाइज को-आर्डिनेटर कमेटी के उप महामंत्री बोले
आल इंडिया इलाहाबाद बैंक इंप्लाइज को-आर्डिनेशन कमेटी के उप महामंत्री मदन उपाध्याय का कहना है कि ग्राहकों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। कर्मचारियों का यह संगठन अभी पूर्ववत चलता रहेगा। आल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन दोनों बैंकों की यूनियनों के साथ वार्ता करके कोई नया प्रारूप तय करेगा। उन्होंने बताया कि लोगो दोनों बैंकों का चलेगा। इंडियन बैंक का लोगो ऊपर और इलाहाबाद बैंक का नीचे रहेगा। 
बोले खातेधारक
यह सरकार का निर्णय है। बैंकों की स्थिति में सुधार के लिए ऐसा किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इस पर बैंक को विशेष ख्याल रखना चाहिए। जब इलाहाबाद प्रयागराज हो गया तो इस बैंक का भी नाम बदल रहा है।- अखिलेश ओझा, पूर्व एडिशनल कमिश्नर  

इलाहाबाद बैंक में करीब 30 साल से मेरा खाता है। यह बैंक परिवार जैसा हो गया था। कोई भी काम होना मुश्किल नहीं था लेकिन अब इसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इंडियन बैंक में 30 साल बाद अपने को साबित करना पड़ेगा।- अजय सिंह, एजेंसी के प्रोपराइटर।
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