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कोरोना के खौफ से पति ने मायके से आई पत्नी संग किया कुछ ऐसा कि बेचारी पहुंच गई अस्पताल

सांकेतिक तस्वीर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. पति ने कोरोना के भय से मायके से दो माह बाद आई अपनी पत्नी को घर पर रखने से ही इंकार कर दिया। निराश पत्नी ने पहले तो अपने पति से खूब विनती की, लेकिन जब पति नहीं माना तो वह विवश होकर जिला अस्पताल में आकर रहने लग गई थी। जिसे दो दिन बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से उसे फिलहाल बर्न वार्ड में रहने की व्यवस्था करा दी गई है। जिसे सुबह-शाम भोजन भी दिया जा रहा है तथा समय-समय पर अस्पताल के चिकित्सक तथा कर्मचारी उसका हालचाल भी ले रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार बिहार के सीवान जिला के राजानगर निवासी बबिता देवी की शादी पांच साल पहले शहर कोतवाली क्षेत्र के गुरुद्वारा रोड निवासी गणेश प्रसाद के साथ हुई थी। वह दो माह बाद जब अपने ससुराल पहुंची तो उसके पति ने कोरोना के भय के कारण घर में रखने से मना कर दिया। पति द्वारा घर पर रखने से इंकार किए जाने के बाद महिला मजबूर होकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां अस्पताल प्रशासन द्वारा उसे दो दिन बाद रहने व खाने की व्यवस्था की गई।

महिला ने दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि वे दो माह पूर्व अपने मायके सीवान के राजानगर गई थी। दो महीना वहां रहने के बाद बीते शनिवार को कोरोना के संकट के बीच अपने पति व अपनी चार वर्षीय बच्ची की देखभाल करने के लिए वह निजी साधन से बलिया आ गई और सीधे गुरूद्वारा रोड स्थित अपने ससुराल पहुंची।

जहां उसका पति ने खुश होने के बजाय उसे कोरोना के कारण घर पर रखने से इंकार कर दिया। बताया कि वह अपने पति से खूब गिड़गिड़ाई, लेकिन जब उसके पति का दिल नहीं पसीजा तो मजबूरन बाहर निकल गयी। इस बीच पुलिसवालों की नजर उस पर पड़ने के बाद पुलिस ने उसके पति से संपर्क किया तो उसका पति लाकडाउन के बाद घर पर रखने को तैयार हुआ। ऐसे में पुलिस ने उसे जिला अस्पताल लाकर शिफ्ट कर दिया है, जहां वह फिलहाल रह रही है। इस बाबत सीओ सिटी एके सिंह ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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