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कम्युनिटी किचन से खाना बंटवाने की बाध्यता के फैसले को विपक्षी दल ने बताया भाजपा की साजिश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कम्युनिटी किचन के द्वारा खाना बंटवाने की बाध्यता के फैसले को विपक्षी दल भाजपा की साजिश और भेदभाव पूर्ण कारवाई बता रहे हैं। 

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि कोविड 19 से लड़ाई में विपक्षी दल सरकार के साथ खड़े हैं। अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं। ऐसे में, सरकार द्वारा गरीब जरूरतमंदों की सहायता से रोकना अनुचित है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार हमें गरीबों को भोजन आदि  वितरण करने नहीं दे रही है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री विश्वविजय सिंह का कहना है कि देवरिया ,आजमगढ़, वाराणसी ,चंदौली समेत तमाम जिलों में पुलिस प्रशासन दबाव डाल रहा है कि उन्हीं के द्वारा खाना या अनाज के पैकेट बांटे जाएंगे। जो कार्यकर्ता बांटने जा रहे हैं उनको पुलिस परेशान कर रही है।   

 व्यवस्था में बदलाव 
आपको बता दें कि कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के हालात में जरूरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था में किए गए बदलाव से हलचल मची हुई है। स्वयंसेवी संस्थाएं अभी तक खुद भोजन वितरण कर रही थीं, उन्हें नई व्यवस्था रास नहीं आ रही है। इससे कुछ संस्थाएं अपने पांव पीछे भी खींच सकती हैं। 

शासन ने आदेश जारी किया है कि विभिन्न स्थानों पर स्वयंसेवी संस्थाओं, एनजीओ और प्राइवेट संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे किचेन में बनने वाले भोजन का वितरण उस क्षेत्र के निकटतम कम्युनिटी किचेन के माध्यम से ही कराया जाए। इन संस्थाओं के किचेन का संबंधित थाना, तहसील या नगर निगम क्षेत्र में होने पर संबंधित जोन ऑफिस में अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन भी कराया जाए।

कई स्वयंसेवी संस्थाओं एवं निजी स्तर पर सेवा कार्य में जुटे लोगों का कहना है कि इस आदेश से उन्हें असुविधा हो रही है। संस्था से जुड़े बहुत से लोग अपने हाथों भोजन का वितरण करके आत्म संतुष्टि का अनुभव करते हैं। इससे संस्थाओं को जन सहयोग लेने में सुविधा होती है। 

 
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