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जौनपुर के अस्थाई जेल में रखे गये जमात के प्रमुख का निधन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर। अस्थायी जेल में रखे गए जिले के जमात प्रमुख नसीम अहमद (65) का मंगलवार की रात इंतकाल हो गया। तब्लीगी मरकज से लौटे बांग्लादेशी नागरिकों को शरण दिलाने और उनकी जानकारी छिपाने के आरोप में उन पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। शहर के फिरोसेपुर निवासी नसीम को दो अप्रैल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह क्वारंटीन सेंटर और फिर अस्थायी  जेल में रखे गए थे। एक सप्ताह पूर्व तबीयत खराब होने पर नसीम को जिला अस्पताल लाया गया था, जहां से बीएचयू रेफर कर दिया गया था। हालत में सुधार होने पर दोबारा अस्थायी जेल में रख दिया गया था। मंगलवार की रात करीब डेढ़ बजे नसीम की तबीयत फिर खराब हो गई। 

आनन-फानन में जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर परिजन भी जिला अस्पताल पहुंच गए। एसडीएम सदर व अस्थायी  जेल के अधीक्षक नीतीश कुमार सिंह ने बताया कि जेल में रखे गए बंदी नसीम की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्हें हार्ट की बीमारी थी। पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा। जांच कराई जा रही है। उपचार के बाद अस्थायी  जेल में ही रखे गए थे ठीक हुए तीन कोरोना मरीज। नसीम अहमद जिले में जमात प्रमुख थे। 

जमात में आने वाले उनसे संपर्क के बाद ही अन्यत्र जाते थे। 29 मार्च को लाल दरवाजा क्षेत्र से पकड़े गए 14 बांग्लादेशी समेत 16 जमातियों को बड़ी मस्जिद से निकालकर लाल दरवाजा क्षेत्र के एक मकान में शरण दिलाने का उन पर आरोप था। इन्हीं 16 में से 2 जमातियों में कोरोना की पुष्टि होने पर वाराणसी भेज दिया गया। उपचार  के बाद स्वस्थ होने पर उन्हें जौनपुर लाने के बाद अस्थायी  जेल में शिफ्ट किया गया था। बदलापुर के वार्ड नम्बर 8 से पकड़े गए पुरानी दिल्ली निवासी कोरोना संक्रमित जमाती को भी वाराणसी में उपचार के बाद ठीक होने पर इसी जेल में रखा गया था। उनके साथ रहे जमात प्रमुख की मौत से लोग सहम गए हैं।

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