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पूर्वांचल के 2400 लोगों को लेकर हैदराबाद और साबरमती से काशी पहुंचीं ट्रेनें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर शनिवार को दो ट्रेनों से 2400 से अधिक लोग पहुंचे। पहली ट्रेन हैदराबाद के लिंगापल्ली से चलकर सुबह 5:30 बजे और दूसरी ट्रेन साबरमती एक्सप्रेस शाम 4:05 बजे पहुंची। दोनों ट्रेनों के आने के समय पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। एक-एक यात्री, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग करके ही उन्हें बाहर जाने दिया गया। सुबह 35 बसों से इन लोगों को उनके जनपदों के लिए रवाना किया गया। जबकि शाम को साबरमती से आई ट्रेन के यात्रियों के लिए भी 50 बसें लगाई गई थीं।

हैदराबाद के लिंगापल्ली स्टेशन से आने वाली ट्रेन का समय सुबह पांच बजे का था लेकिन यह आधे घंटे देरी से आई। सुबह से ही यहां पुलिस-प्रशासनिक और रेलवे के अधिकारी तैनात थे। पूछताछ काउंटर वाले हाल में दो और टिकट काउंटर वाले हाल में एक निकास द्वार से बाहर आने की अनुमति थी। ट्रेन से उतरते ही पीपीई शूट पहने स्वास्थ्यकर्मियों ने सभी की थर्मल स्कैनिंग की। इसके बाद सभी को बाहर एक-एक मीटर की दूरी पर बैठाया गया। संबंधित जनपदों के लोगों की एक कतार लगाई गई। इसके बाद 27 की संख्या होने पर एक बस में बैठाकर भेजा गया। 

इसी तरह शाम को साबरमती से आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग कर बाहर बैठाया गया। बाहर रोडवेज और पुलिस कर्मी माइक के जरिये जनपदों के नाम से कतार में खड़े होने के लिए सूचित करते रहे। संबंधित जनपदों की बसों के लगने के साथ ही उन्हें बैठाया गया। कतार में खड़े कराकर लोगों को खाने की सामग्री भी दी गई। लिंगापल्ली से आई स्पेशल श्रमिक ट्रेन में 19 जनपदों के कुल 1253 लोग थे। इसमें जिले के 66 लोग थे। इस दौरान एडीएम सिटी विनय सिंह, स्टेशन निदेशक आनंद मोहन आदि मौजूद रहे। 

साबरमती से आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन करीब दो घंटे की देरी से शाम 4.05 बजे पहुंची। जबकि ट्रेन के आने के समय से ही यहां पुलिस, क्यूआरटी, आरएएफ तैनात कर दी गई थी। ट्रेन से रवागनी से पहले कौशांबी जिले की बस में सवार लोगों ने हर-हर महादेव का जयकारा लगाया। करीब डेढ़ माह से फंसे मजदूरों के चेहरे पर उनके घर पहुंचने की खुशी झलक रही थी। सभी खुश थे। किसी तरह जल्दी से घर पहुंचना चाहते थे। घरवाले मोबाइल पर सभी का हाल-चाल ले रहे थे।
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