InternationalYogaDay: योग से भगाई दमा और हृदय की बीमारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। वाराणसी के दो युवाओं ने साबित कर दिखाया है कि योगासनों के लगातार अभ्यास से गंभीर बीमारियों से निजात संभव है। दमा और हृदय रोग के इलाज पर इन युवाओं ने लाखों रुपये खर्च किए। आराम नहीं मिला तो योग की ओर रुख किया। दो से तीन वर्ष तक लगातार योगाभ्यास से रोगमुक्त हो गए। अब वे योग को कॅरियर के रूप में देख रहे हैं।
मुकीमगंज निवासी सागर कन्नौजिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई योग स्पर्धाओं में भाग लिया है और पदक जीते हैं। उन्हें बचपन से ही सांस फूलने की बीमारी थी। डॉक्टरों ने दमा बताया। पिता पंचम कन्नौजिया व मां सीता उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए करीब 10 साल तक कई डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाते रहे। पांच से छह लाख रुपये इलाज पर खर्च हुए। तब उन्होंने योग की ओर रुख किया। बताया कि स्कूल में योग सीखा, फिर इसे लगातार करने लगा। धीरे-धीरे स्वास्थ्य सुधरने लगा। तीन घंटे में 1001 सूर्य नमस्कार कर कई पदक जीते। थाईलैंड में योग में रजत पदक जीता। अब ऑनलाइन योग क्लास ले रहे हैं।
खोजवां की शिवांगी मौर्य काशी विद्यापीठ में शारीरिक शिक्षा की छात्रा हैं। बताया कि स्कूल के दिनों में उन्हें हृदय की बीमारी थी। बीएचयू में तीन साल तक इलाज चला लेकिन राहत नहीं मिली। फिर फीजिकल एजुकेशन के जरिये योग से जुड़ीं। धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार हुआ और दवा भी छूट गई। अब वह पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। बताया कि वह खुद दूसरों को योग करने की सलाह देती हैं। शिवांगी कई राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी हैं। एक नेशनल प्रतियोगिता में उन्होंने रजत पदक जीता है।
