Today Breaking News

कोरोना से डरा दीनाथ आना चाहता था देश, पहुंच गया ओमान जेल, जानिए कैसेे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। परिवार की गरीबी दूर करने के लिए ओमान गए कुशीनगर के दीनाथ को कोरोना ने बुरी तरह डरा दिया। भयभीत दीनाथ देश लौटना चाहते थे लेकिन हालात ऐसे बन गए कि ओमान की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अब वह ओमान की जेल में बंद हैं। वहां भारतीय दूतावास को दीनाथ की कहानी पता चली तो अधिकारी-कर्मचारी उन्हें जेल से छुड़ाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। भरोसा दिलाया है कि दीनाथ जल्द ही रिहा हो जाएंगे। 

कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र स्थित खानू छपरा गांव निवासी दीनाथ साहनी जनवरी 2018 में एक एजेंट के माध्यम से नौकरी की तलाश में ओमान गए थे। ओमान में दीनाथ को आईजी सर्विसेज कम्पनी में काम मिल गया। कम्पनी ने उन्हें ओमान इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लगा दिया जहां वह  ट्रॉली ब्वॉय के रूप में काम करने लगे। कोरोना संक्रमण की वजह से ओमान में भी लॉकडाउन हुआ और एयरपोर्ट बंद कर दिया गया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कम्पनी से कर्मचारियों को हटा लेने को कहा। कम्पनी ने दीनाथ को वहां से हटाकर दूसरा काम सौंप दिया। दीनाथ ने दूसरा काम करने से इनकार कर दिया तो कम्पनी ने उसे अपने कैम्प पर ठहरा दिया। इधर 25 मई के बाद दीनाथ की उसके घर वालों से बात नहीं हो पा रही थी।

दीनाथ के घर वालों ने मानव सेवा संस्थान ‘सेवा’ के निदेशक राजेश मणि से 15 जून को सम्पर्क किया और पूरी बात बताई। राजेश मणि ने 15 जून को ही विदेश मंत्री तथा ओमान में भारतीय दूतावास को दीनाथ से संबंधित मेल कर दिया। दूतावास ने मेल के ही जरिए उसी दिन जवाब दिया कि मामले को देखा जा रहा है। 14 जुलाई को दीनाथ के भाई ने राजेश मणि  के पास फोन किया और बताया कि मुम्बई के प्लेसमेंट एजेंसी से फोन आया था। एजेंसी ने बताया कि लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडॉउन खत्म होते ही दीनाथ घर लौट आएगा। 

राजेश मणि जब 15 जुलाई को एजेंट दीपम बढ़ेर से बात की तो उन्हें शक हुआ। इसके बाद उन्होंने 16 जुलाई को विदेश मंत्री व ओमान में भारतीय राजदूत मुन्नुमहावर को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। 16 जुलाई को ही भारतीय राजदूत का राजेश मणि को जबाब आ गया। उन्होंने बताया कि कोरोना से डरे दीनाथ अजीब हरकतें करने लगे। कम्पनी ने उन्हें डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने दवा दी लेकिन दीनाथ ने उसे नहीं खाया। अजीब हरकतें करने पर 24 मई को पुनः उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उन्हें दवा देकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया। 

कानूनी प्रक्रिया के तहत छुड़ाया जाएगा
दीनाथ कैम्प में पहुंच गए। वह बार-बार घर आने की जिद करने लगे। एक दिन वह कैम्प से कूद कर बाहर निकल गए और एक ओमानी नागरिक के घर मे घुस गए। ओमानी नागरिक ने पुलिस बुला दी। पुलिस ने उन्हें जेल में डाल दिया। राजेश मणि ने शुक्रवार को पुन: मेल भेज दी कि जेल से बेल की जो भी कानूनी प्रक्रिया हो एम्बेसी पूरा करे। दूतावास ने भरोसा दिलाया है कि कानूनी प्रक्रिया अपनाकर उन्हें छुड़ाया जाएगा और देश भेजवाया जाएगा।

गोरखपुर में सरकार की तरफ से माइग्रेशन बूथ की आवश्यकता है जो बाहर जाने वाले कामगारों को उचित परामर्श दे। उनके बीजा-पासपोर्ट की ठीक से जांच कराए। आए दिन लोगों को एजेंट टूरिस्ट बीजा पर विदेश भेज देते हैं। बाहर जा कर लोग फंस जाते हैं। फर्जी प्लेसमेंट एजेंसियां और दलालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।-राजेश मणि, निदेशक, मानव सेवा संस्थान 

'