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मुलायम सिंह यादव को नाम से बुलाने वाले इकलौते व्यक्ति व लंगोटिया दर्शन सिंह यादव का निधन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, इटावा. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लंगोटिया दर्शन सिंह यादव का शनिवार को निधन हो गया। सैफई गांव के प्रधान दर्शन सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। लखनऊ के लोहिया अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 

दर्शन सिंह यादव 1971 से लगातार प्रधान चुने जा रहे थे। वह मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी और परिवार के खास थे। कहा जाता है कि कभी अखाड़े में उतरने वाले मुलायम सिंह यादव के साथ दर्शन सिंह यादव भी पहलवानी में हाथ आजमाते रहे। दर्शन सिंह अकेले ऐसे व्यक्ति थे जो मुलायम सिंह को सीधे नाम लेकर पुकारते थे। गलती करने पर उन्हें फटकार लगाते थे।


अखिलेश सरकार ने दर्शन सिंह यादव को यश भारती सम्मान दिया था। उनके निधन पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, प्रो. रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया है।


अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव के अलावा मुलायम परिवार के इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव, पूर्व सांसद तेजप्रताप सिंह यादव, अभयराम सिंह यादव,राजपाल सिंह यादव के अलावा सैकडो लोग उनके अंतिम संस्कार मे शामिल हुये।


सैफई को अत्याधुनिक बनाने में खास योगदान रहा

इटावा के छोटे से गांव सैफई को मायानगरी मुबंई की तरह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने में दर्शन सिंह यादव का खास योगदान रहा है। सैफई को वीवीआईपी ग्रामपंचायत बनाने वाले दर्शन सिंह कम पढ़े लिखे होने के बावजूद सरकारी बाबुओं पर कड़ी नजर रखते थे और गांव के विकास के लिए आए पैसे का हिसाब उनसे लेते थे।


मुलायम देश-प्रदेश के किसी भी इंसान से ज्यादा भरोसा दर्शन सिंह पर करते थे। जब भी परेशान होते तो उनसे सलाह लेने के लिए खुद गांव पहुंच जाते। दोनों एक कमरे के अंदर कई-कई घंटे गप्पे मारते रहते। मुलायम अपने मित्र की ईमानदारी के इतने कायल है कि उन्हें आजीवन सैफई की सत्ता सौंप दी।


दर्शन सिंह यादव 1971 से यहां से निर्विरोध प्रधान चुनते आते रहे हैं। बताया जाता है कि मुलायम सिंह यादव ने कह दिया था, जब तक दर्शन सिंह है तब तक कोई दूसरा प्रधान नही होगा।


दर्शन सिंह यादव ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान ग्राम पंचायत सदस्यों के नाम की मुहर लगाकर मुलायम सिंह के पास भिजवाते और उनकी रजामंदी से सभी निर्विरोध निर्वाचित होते। पंचायत चुनाव में इसे एक रिकॉर्ड के तौर पर देखा जा रहा है।


आमरण अनशन कर मुलायम को जेल से रिहा कराया

दर्शन सिंह यादव और सपा सरंक्षक मुलायम सिंह बचपन के दास्त हैं। मुलायम सिंह ने जब राजनीति में कदम रखा तो उनके कंधे से कंधा मिलाकर दर्शन सिंह चले। लोहिया आंदोलन के दौरान 15 साल की उम्र में मुलायम सिंह सियासत में कूद पड़े। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया और फरूर्खाबाद जेल में बंद कर दिया। इसकी भनक जैसे ही दर्शन को हुई तो उन्होंने जेल के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। इसके चलते जिला प्रशासन को मुलायम सिंह को रिहा करना पड़ा।

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