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मुख्तार अंसारी का करीबी बताकर मकान गिराने पर हाईकोर्ट सख्त, रात में ध्वस्तीकरण पर अपील खारिज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर में अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण के आदेश के खिलाफ अपील रात 10 बजे खारिज कर सुबह छह बजे मकान गिराने की मनमानी कार्यवाही पर नाराजगी जताई है। साथ ही राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है कि याची को आदेश को चुनौती देने का अवसर देने से क्यों इनकार कर दिया गया और ऐसी कार्रवाई के लिए क्यों न अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। इसी के साथ कोर्ट ने ध्वस्तीकरण कार्यवाही पर रोक लगा दी है और याची को इस दौरान मकान से अपना सामान हटा लेने की छूट दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने गाजीपुर के  निवासी शिवशंकर मिश्र की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने बहस की। 

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याची का कहना है कि उसी कालोनी में 600 मकान हैं लेकिन केवल याची के मकान को टारगेट किया गया है। याची के बेटे को मुख्तार अंसारी की सहायता करने का झूठा आरोप लगाकर मकान गिराया गया है। याची के अधिवक्ता का कहना है कि पांच दिसम्बर 2020 को रात 10 बजे ध्वस्तीकरण कार्यवाही आदेश के खिलाफ याची की अपील खारिज की गई और उसके अगले दिन (छह दिसम्बर) को सुबह छह बजे मकान गिराने लगे। मकान का काफी हिस्सा ढहा दिया गया है। याची को मकान से अपना सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया।

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