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चुनाव चिह्न में गांव की परंपराएं सहेज रहा आयोग, अब चुनाव डिजिटल की राह पर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बहुत बदलाव हुआ। चुनाव कागज से डिजिटल के दौर में जा चुका है। इतना ही नहीं, इस चुनाव से संंबंधित सभी नियमावली तक को डिजिटल ई-बुक में समाहित किया जा चुका है। इसके बावजूद जिन कुछ चीजों को आयोग ने पिछले कई वर्षों से सहेज रखा है, वे हैं चुनाव-चिह्न।

त्रिस्तरीय पंचायत का छठा चुनाव  2021 में होगा। गांव से शहर की ओर पलायन कर चुकी युवा पीढ़ी गांव से जुड़ी ढेरों चीजों को भूल चुकी है। किंतु-परंतु के बीच आयोग पंचायत चुनाव के बहाने ऐसी बहुत सारी चीजों को याद दिला देता है। गांव में भी अब ओखली का प्रयोग बहुत कम दिखता है लेकिन आयोग की सूची में ओखली आज भी चुनाव चिह्न के रूप में मौजूद है। इसी प्रकार डमरू, फरसा, शंख, खड़ाऊं, करनी, गदा, चारपाई, टोकरी, डेस्क, तांगा, ड्रम, धनुष, फावड़ा, पालकी, बांसुरी, बैलगाड़ी, आटा चक्की, कुआं, गुल्ली डंडा, भगोना, तलवार, सरौता, स्लेट, हंसिया, हारमोनियम, कलम दवात, टाइप राइटर, तराजू, फावड़ा-बेल्चा, लट्टू, हल, हथ-ठेला, सपेरा आदि चुनाव-चिह्न वर्षों से जस के तस हैं। शहर में रहने वाले युवा इसमें से कई चीजें भूल चुके हैं। चुनाव से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि गांव से जुड़ा व्यक्ति बहुत कुछ जानता है। नई पीढ़ी जो अब शहर में रह रही है,  बहुत कुछ नहीं जानती। आयोग चुनाव चिह्न के जरिए लोगों को माटी से जोडऩे का कार्य कर रहा है।


अबकी सफेद, नीला, हरा, गुलाबी मतपत्र

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सकुशल कराने को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। परिसीमन, मतदाता सूची पहले ही फाइनल हो चुकी है। सीटों के आरक्षण का भी आलेख्य प्रकाशन हो चुका है। आयोग ने चुनाव चिह्न के बाद मतपत्र का रंग भी निर्धारित कर दिया है। ग्राम प्रधान का मतपत्र हरा, सदस्य ग्राम पंचायत- सफेद, क्षेत्र पंचायत सदस्य- नीला व जिला पंचायत सदस्य का मतपत्र गुलाबी रंग का होगा। मतपत्र में चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न बकायदा अंकित होंगे। वोटर के इसके सामने मुहर लगानी होगी।


आयोग ने यह भी आदेश दिया है कि जरूरत मुताबिक मतपत्र पहले ही मंगा लिए जाएं। मतपत्र पोलिंग पार्टियों को रवानगी के दौरान ही देने की व्यवस्था हो। जिले के अधिकारियों कहना है कि अस्सी लाख से अधिक मतपत्र यहां आ चुके हैं। शेष जरूरत मुताबिक और मंगाए जाएंगे।

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