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Ghazipur: आसमान में बादलों को देख किसान चिंतित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मौसम का मिजाज शुक्रवार को अचानक बदल गया। आसमान में हल्के काले बादलों की धुंध छाये रहने से किसानों के माथे पर एक बार फिर बल पड़ गया है। साथ ही हल्की हवा भी चलती रही। इससे बोयी गयी फसलों को लेकर किसान चिंतित दिखे।

शुक्रवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाया रहा। थोड़ी देर धूप बिखेरने के बाद सूर्यदेव काले धुंध सरीखे बादलों की ओट में समा गये। इससे मौसम का मिजाज बिगड़ता गया। बादल के इस रुख को देखकर बारिश होने की संभावना जतायी जाने लगी। हालांकि शाम तक बारिश नहीं हुई, लेकिन हवा चलती रही। मौसम के मिजाज को देख किसान खेतों की ओर रुख कर दिये और बोयी गयी फसल को सुरक्षित करने में लगे रहे। हालांकि बारिश नहीं होने से थोड़ी राहत में दिखे, लेकिन चिंता बनी हुई है। पीजी कॉलेज के कृषि विज्ञान केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार आने वाले पांच दिनों के मौसम में पूर्वानुमान के अनुसार बादल छाए रहने की संभावना जतायी गयी है। साथ ही 21 से 23 मार्च के बीच कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी होने की संभावना बतायी गयी है। 


यह भी बताया गया है कि उस समय अधिकतम तापमान 33 से 36 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 18 से 20 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की संभावना है। पूर्वी और पश्चिमी हवा औसत 8 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार ये चल सकती है। हालांकि, शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री बना रहा। अभी कुछ दिन पहले भी मौसम का मिजाज बदला-बदला था। आसमान में बादलों के छाये रहने से बारिश होने की संभावना जतायी जा रही थी। जनपद के पूर्वी-दक्षिणी क्षेत्रों हल्की बूंदाबांदी भी हुई थी। इससे ज्यादा नुकसान तो नहीं पहुंचा, पर दोबारा बारिश होने का अनुमान लगाया जाने लगा था। वहीं शाम को तेज हवा चलने से आम के मौजे काफी झड़े थे। किसानों का कहना है कि जिस तरह से तापमान में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इससे फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। खेतों में गेहूं की फसलें तैयार है। दलहन व तिलहन सहित आलू, नेनुआ आदि सब्जी की फसलें तैयार होने को है। अगर बारिश होने लगी, तो इन फसलों को काफी नुकसान पहुंच सकता है। किसानों की गाढ़ी कमाई पर पानी फिर सकता है।


सुबह मौसम कुछ साफ था, लेकिन आठ बजे के बाद आसमान में बादलों की आवाजाही शुरू हो गयी थी। इसके बाद हल्के काले बादलों का धुंध छाने लगा। करीब एक बजे के आस-पास बादलों व सूरज के बीच लुका-छिपी चलती रही। दोपहर बाद आसमान में पूरी तरह बादलों की धुंध छा गयी। इससे सूर्य की तपिश कम हो गयी। सुबह हवा भी चलती रही। आसमान में छाये बादलों को देखकर ऐसा लग रहा था कि बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन शाम तक कहीं भी बूंदाबांदी नहीं हुई। बारिश होने की आशंका किसानों में बनी हुई है। कहना है कि बारिश हुई, तो खेतों में पकने को तैयार गेहूं की फसल सहित दलहनी, तेलहनी, सब्जी आदि की फसलें बर्बाद हो सकती हैं। सबसे परेशान आम की खेती करने वाले किसान हैं। पेड़ पर लगे बौर के झड़ने का खतरा बना हुआ है। 


तापमान में उतार-चढ़ाव से फुदका कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है। इससे लगने वाले फलों को नुकसान हो सकता है। मौसक के चलते अरहर व चन फली को भी खतरा बना हुआ है। उनमें छेदक कीट लगने की संभावना बनी है। फसलों की उत्पादन प्रभावित न हो इसके लिए किसान दवा का प्रयोग कर रहे हैं। फिर भी मौसम के रुख को देखकर उनमें चिंता बनी हुई है। संवराई संवाद के अनुसार क्षेत्र के सायर, राजमल बांध, लहना, बरेजी, देवल, सुरहा, भदौरा, अरंगी आदि गांव के किसानों की जीवका अधिक खेती पर ही निर्भर है। तीन गांव में किसानों द्वारा गेहूं, सरसों, अरहर, मटर, चना की फसल बोई गई है। गर्मी की खेती खरबूज, खरबूज, ककड़ी, लौकी, नेनुआ, भिंडी, करेला की खेती बड़े पैमाने पर की गई है। 


बदलते मौसम की वजह से किसानों की चिंता अपनी फसलों को लेकर बढ़ रही है। क्योंकि अगर बारिश हुई, तो किसानों की फसल नष्ट हो सकती है। क्षेत्रीय किसान श्याम मोहन चौधरी, नरेंद्र यादव, कृष्णानंद चौधरी आदि किसानों ने बताया कि गर्मी की खेती के लिए मौसम ठीक नहीं हो रहा है, क्योंकि बादल होने की वजह से किसानों में बारिश होने का अंदेशा बना हुआ है। अगर बादिश हुई, तो फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। सब्जी की खेती के लिए पूरवा हवा सबसे अच्छा होता है, क्योंकि पूरवा हवा होने की वजह से सब्जी की खेती में नमी रहती है। इससे फसल भी अच्छी होती है। किसानों का कहना है कि बारिश नहीं हो, तो ही अच्छा है, अगर हुई, तो मेहनत पर पानी फिर सकता है।


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