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1.28 करोड़ के मनरेगा घोटाले का मास्टरमाइंड APO विनय मौर्य गिरफ्तार, ऐसे की धोखाधड़ी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, महाराजगंज. महाराजगंज के परतावल ब्लॉक के बाद जिले के घुघली ब्लॉक में मनरेगा का बड़ा घोटाला सामने आया है। मंगलवार देर रात 1.28 करोड़ रुपये गबन के मामले में बीडीओ प्रवीन शुक्ला ने सदर कोतवाली में दो एफआईआर दर्ज कराई है। दोनों मामले में एपीओ विनय कुमार मौर्य का नाम शामिल है, जो कि पुलिस गिरफ्त में आ गया है।

बीडीओ प्रवीन शुक्ला ने कोतवाली में तहरीर दी। इसके मुताबिक उपायुक्त श्रम रोजगार के पत्र पर मनरेगा प्रकरण की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। जांच समिति ने सात कार्यों की जांच की। इसमें मनरेगा सॉफ्टवेयर के एमआईएम अभिलेखीय परीक्षण, पूछताछ व स्थलीय सत्यापन के आधार पर यह तथ्य प्रकाश में आया कि बिना कार्य कराए कूटरचित ढंग से अभिलेख व एमआईएस पर हेराफेरी की गई है। 


अधिकारियों के संज्ञान के बिना गुपचुप तरीके से डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से 80 लाख रुपये का भुगतान किया गया। जांच के आधार पर निवर्तमान अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार मौर्या, उनके साथ तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर परतावल व घुघुली यशवंत यादव व विकास खंड घुघली में दैनिक वेतन पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रदीप शर्मा, तथाकथित ठेकेदार ग्राम पंचायत सतभरिया निवासी दिनेश मौर्या के अलावा फर्जी भुगतान में शामिल फर्म अंकित इंटरप्राइजेज व अमन ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।


दूसरी एफआईआर में 48 लाख 22 हजार 191 रुपये के गबन का केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि इसमें तत्कालीन एपीओ विनय कुमार मौर्य ने लाइन डिपार्टमेंट हार्टीकल्चर विभाग में मस्टररोल जारी व फीड किया। अफसरों के संज्ञान में लाए बिना पत्राचार उक्त राशि का गबन किया गया। बता दें कि परतावल ब्लॉक में मनरेगा में हुए 26 लाख के गबन में भी यही एपीओ आरोपी है।

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