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पंजाब नेशनल बैंक प्रबंधक हत्या मामले में रुपये मिले न मुख्य आरोपित, चालक समेत 6 गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पंजाब नेशनल बैंक की करखियांव स्थित शाखा के प्रबंधक फूलचंद राम की सनसनीखेज हत्या के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि लूटे गए 20 लाख रुपये और मुख्य आरोपित अबतक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। गिरफ्तार लोगों में प्रबंधक का चालक, वाहन मुहैया कराने वाला युवक शामिल है। एडीजी जोन वाराणसी बृजभूषण, आईजी रेंज वाराणसी एसके भगत, एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने रविवार को यातायात पुलिस लाइन के सभागार में घटना का खुलासा किया। हत्या में प्रयुक्त वाहन, असलहा और हत्यारे का नाम व पता भी नहीं मिल सका है।

गिरफ्तार आरोपितों में लहरतारा का शिवा उर्फ आदेश श्रीवास्तव, बड़ागांव के बलरामपुर का मुकेश पाल, फूलपुर के रमईपुर पिंडरा का अतुल सिंह, अतुल विश्वकर्मा, फूलपुर गांव का चालक संजय पटेल और स्कार्पियो मुहैया कराने वाला सुनील कुमार पटेल हैं। घटना में आजमगढ़ निवासी एक अन्य आलोक राय भी शामिल था, जो फरार है। एडीजी जोन ने बताया कि घटनाक्रम के मुताबिक नौ जून की शाम 5.30 से 5.40 के बीच शाखा प्रबंधक सुनील के साथ दो झोले में 47 लाख रुपये लेकर निकले। खुद की बुलाई स्कार्पियो से कैथौली तिराहे के पास पटेल ढाबा के निकट गये। संजय स्कार्पियो चला रहा था। ढाबे पास पहले से स्कार्पियो खड़ी थी, जिसमें चार लोग थे। ढाबे के पास ही संजय और सुनील के परिचित मुकेश, अतुल विश्वकर्मा भी थे। 


ढाबा के पास कुछ देर तक शाखा प्रबंधक की अन्य से बातचीत होती रही। दूसरी स्कार्पियो से दो लोग उतर कर फूलचन्द वाली स्कार्पियो में पिछली सीट पर बैठ गये। पुलिस के मुताबिक इन दोनों को बाकी लोग नहीं जानते थे। कहा जा रहा है कि ये फूलचंद के परिचित थे। दूसरी स्कार्पियों में चालक व पास की सीट पर दो अन्य लोग थे, जिनके बारे में अभी जानकारी नहीं है। शाखा प्रबंधक की स्कार्पियो आगे-आगे चल रही थी। पिंडराई मोड़ से जौनपुर की ओर मुड़ते ही शाखा प्रबंधक को स्कार्पियो में ड्राइवर की सीट के पीछे बैठे व्यक्ति ने गोली मार दी। दोनों अज्ञात 20 लाख रुपये से भरा एक बैग लेकर उतर गये। पीछे आ रही अपनी स्कार्पियो में बैठे सुनील कुमार पटेल व अतुल विश्वकर्मा को उतार कर उसमें बैठकर जौनपुर की ओर फरार हो गये। एडीजी जोन ने बताया कि आलोक राय समेत पांच लोग और गिरफ्तार किये जाने हैं।

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सीएसआर फंड के रुपये से खेल

एडीजी जोन ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित सीएसआर फंड रुपये दोगुना करने का लालच देकर फ्रॉड करते हैं। इसमें दो टीमें काम करती है। पहली टीम लोगों को बरगलाकर लाती है, दूसरी टीम घटना को अंजाम देती है। इस गैंग में बीते कई महीने में नये-नये लड़कों को कमीशन के आधार पर जोड़ा गया है। इसके तहत अतुल विश्वकर्मा, संजय कुमार पटेल, अतुल कुमार सिंह, संजय आदि ने पिंडरा में बैठक की थी। किसी बड़ी पार्टी का प्रबंध करने को कहा गया था। सुनील ने बैंक मैनेजर को इसके लिए लालच देकर फंसाया। मुकेश पाल ने एक अन्य पार्टी को भी तैयार करने का जिम्मा लिया। वाराणसी के होटल चंद्रा में आठ जून की दोपहर शिवा और आजमगढ़ के आलोक राय के साथ मीटिंग हुई। इसमें शाखा प्रबंधक भी थे। फिर संदहा चौराहा पर मुकेश पाल और आलोक राय की मीटिंग हुई। यहां पर मुकेश ने अतुल सिंह से बात करके आलोक राय के माध्यम से किसी भी तरह बैंक मैनेजर से पैसा छीनने की योजना बनाई।


मड़ियाहूं शाखा चलने की बात खटकी

शाखा प्रबंधक के 47 लाख रुपये लेकर वाराणसी जाने की बात थी, यहीं पर रुपये दोगुना करने की बात बदमाश कह रहे थे। बातचीत के दौरान शाखा प्रबंधक को अपने साथ अनहोनी की आशंका हुई। इस दौरान पिंडराई के पास से वापस मड़ियाहूं शाखा चलने के लिए शाखा प्रबंधक ने चालक पर जोर दिया। चालक के वाहन घुमाते ही पीछे बैठे बदमाश ने दूसरी स्कार्पियो सवार बदमाशों से बात की। आशंका है कि बदमाशों को लगा कि कहीं लाये गये रुपये बैंक जाने के बाद उन्हें न मिले। उसी समय पीछे बैठे बदमाश ने फूलचंद को गोली मार दी और एक बैग लेकर भाग गया। मुकेश पाल ने इस घटना के बारे में अतुल सिंह को बताया। हत्या करने वाले अपराधी ने घटना की जानकारी आलोक राय को दी।


आमदनी से अधिक ठाठ से रहता है अतुल सिंह

रमईपुर पिंडराई निवासी आरोपित अतुल सिंह के दादा की पेंशन पर घर का खर्च चलता है। परिवार में अन्य कोई आमदनी नहीं है। बावजूद वह काफी ठाठ से रहता है। महंगे शौक रखता है। महंगी गाड़ियों से चलने से लेकर अन्य कई तरह के शौक हैं।

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गिरफ्तारी करने वाली टीम को एक लाख का इनाम

एडीजी जोन ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए आईजी रेंज वाराणसी के नेतृत्व में वाराणसी, जौनपुर, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, भदोही की पुलिस टीमें, क्राइम ब्रांच और एसओजी की टीमें लगी थीं। प्रमुख रूप से फूलपुर इंस्पेक्टर दुर्गेश कुमार मिश्रा, क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्वनी कुमार पांडेय, गाजीपुर स्वाट टीम प्रभारी विनीत राय, भदोही स्वाट टीम प्रभारी विनोद दुबे, सर्विलांस टीम प्रभारी अरुण सिंह थे। टीम की सफलता पर एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की। बताया कि कुल 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले गये। टीम ने बेहतर काम किया।


बैंक अधिकारियों ने मानी गलती, कैशियर को निलंबित किया

पीएनबी के डीजीएम प्रमोद रंजन तूफान ने बताया कि करखियांव शाखा के कैशियर राहुल राम को निलंबित कर जांच बैठा दी गई है। यह भी जांच की जा रही है कि उसने लापरवाही की थी या फिर वह भी लालच में आ गया था। बिना नियमों के पालन के बैंक से रुपये निकाले गये। बताया कि चूंकि करखियांव शाखा की लिमिट 10 लाख रुपये तक थी, इसलिए शाखा प्रबंधक ने मड़ियाहूं शाखा से 41 लाख रुपये निकलवाये थे। मड़ियाहूं शाखा में भी नियमों और सुरक्षा का पालन नहीं किया गया।


खुलासे के बाद भी कई अहम सवाल

घटना के खुलासे के बाद भी कई अहम सवालों के जवाब पुलिस के पास नहीं थे। पुलिस अधिकारियों ने जांच के बाद सारी चीजें सामने आने की बात कही। कार में दो थैले में रुपये रखे थे, लेकिन बदमाशों ने 27 लाख रुपये छोड़ दिये। दूसरी ओर चालक और वाहन उपलब्ध कराने वाले को भी पुलिस घटना में शामिल बता रही है, जबकि गोली मारने वाले बदमाश व अन्य का नाम उनको भी नहीं पता है। न रुपये मिले, न घटना में प्रयुक्त वाहन मिला और न ही असलहा मिल सका है। साथ ही जिस सीएसआर फंड के तहत ठगी की बात कही जा रही है, शाखा प्रबंधक के निकाले रुपये सीएसआर फंड के नहीं थे। वह अपने प्रभाव पर सीधे बैंक से रुपये निकालकर लाये थे। पुलिस के मुताबिक घटना के बाद सुनील कुमार पटेल और संजय कुमार पटेल पहले भागे, लेकिन भीड़ और पुलिस के आने के बाद फिर से आ गये। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटनास्थल पर पुलिस और अन्य लोग आधे से पौन घंटे देरी से गये थे।


सीएसआर फंड में चल रहे खेल को बनाया आधार

पुलिस सूत्रों अनुसार जांच के क्रम में सामने आया है कि बैंक व अन्य कंपनियों में सीएसआर फंड के तहत जमकर घालमेल चल रहा है। कंपनी या बैंक की ओर से सीएसआर फंड की धनराशि किस संस्था को किस काम के लिए दी जानी है, इसके लिए पहले से कमीशन तय हो रहा है। उस कमीशन को आपस में 50-50 फीसदी बांटने के लिए ये समझौते कर रहे हैं। रुपये काम में दिखाकर इसका आपस में बंटवारा कर लिया जा रहा है।

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