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जौनपुर में थानाध्यक्ष समेत नौ पुलिस कर्मियों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. जौनपुर जिले में बीते 11 फरवरी 2021 को बक्शा थाना पुलिस की कस्टडी में चकमिर्जापुर निवासी पुजारी यादव की मौत के मामले में सीजेएम ने मंगलवार को तत्कालीन थानाध्यक्ष बक्शा सहित नौ पुलिस कर्मियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। सभी पुलिस कर्मी घटना के बाद निलंबित कर दिए गए थे। जो फरार चल रहे हैं।

मामले की विवेचना कर रहे क्षेत्राधिकारी बदलापुर ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया कि कई स्थानों पर दबिश देने के बाद भी आरोपितों का पता नहीं चल रहा है। ऐसे में विवेचना प्रभावित हो रही है। आरोपित बनाए गए तत्कालीन थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी पर्व कुमार सिंह, कांस्टेबल कमल बिहारी बिंद, जितेंद्र सिंह, राजकुमार वर्मा, श्वेत प्रकाश सिंह, राजन सिंह, जयशील प्रसाद तिवारी, अंगद प्रसाद चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए। इस पर कोर्ट ने सभी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

बक्सा थाना क्षेत्र के चक मिर्जापुर निवासी अजय कुमार यादव ने सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया कि 11 फरवरी 2021 को दिन में बजे एसओजी टीम व थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह फोर्स के साथ मेरे घर पर आए और मेरे भाई कृष्ण कुमार यादव उर्फ पुजारी को पकड़कर थाने ले गए। मेरे भाई के विरुद्ध कोई आपराधिक मुकदमा किसी थाने में दर्ज नहीं था। पुलिस कर्मी भाई को फर्जी मुकदमे में फंसाने की नीयत से थाने पर बैठाए थे। रात आठ बजे थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह व करीब दस की संख्या में पुलिसकर्मी वादी के घर में घुसकर बक्से का ताला तोड़कर 60000 रुपये व सामान उठा ले गए। मना करने पर महिलाओं को गालियां दी।

बताया कि पुनः रात 12: 30 बजे एसओजी प्रभारी पर्व कुमार सिंह व थानाध्यक्ष बोलेरो व दस मोटरसाइकिल से पुलिस वालों के साथ मेरे भाई को मेरे घर लेकर आए। मेरा भाई खड़ा नहीं हो रहा था और जोर-जोर चिल्ला रहा था कि मां मुझे बचा लो। पुलिस वाले मुझे जान से मार देंगे। इस दौरान घर पर रखी मोटरसाइकिल भी उठा ले गए, और उसे लेकर चले गए। मैं थाने पर गया तो पुलिस वालों ने भाई से मिलने नहीं दिया। सुबह सूचना मिली कि मेरे भाई की मौत हो गई। मेरे भाई की हत्या पुलिस वालों द्वारा की गई है। वादी की तहरीर पर 12 फरवरी 2021 को एफआइआर दर्ज हुई। विवेचना में एसओजी प्रभारी, थानाध्यक्ष सहित नौ पुलिस कर्मियों का नाम प्रकाश में आया। जो निलंबित होने के साथ ही फरार चल रहे हैं।

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