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बीजेपी के संकल्प पत्र में मुफ्त बिजली बड़ा हथियार! किसानों और युवाओं के लिए भी होंगी घोषणाएं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (यूपी) ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले वादों की जो बौछार की, उसने कमल दल को रिकार्ड सीटों से सराबोर कर दिया। अब भाजपा पांच वर्ष का शासन कर चुकी है तो उससे जनता का मोहभंग करने के लिए विपक्षी दलों ने लुभावने वादों के लिए दिल खोल दिया है। इनमें 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली सहित कुछ ऐसे वादे हैं, जिनकी काट तलाशने के लिए सत्ताधारी भाजपा भी गंभीर है। पार्टी मंगलवार को लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी करने जा रही है, जिसमें विपक्षी प्रयासों की काट के लिए सस्ती और मुफ्त बिजली का हथियार हो सकता है। किसानों और युवाओं के लिए भी बड़े दांव की उम्मीद है।

भाजपा का लोक कल्याण संकल्प पत्र गृहमंत्री अमित शाह, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान से जारी करेंगे। इसे तैयार करने के लिए पार्टी ने सरकार के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। 'यूपी नंबर एक : सुझाव आपका, संकल्प हमारा' थीम पर अभियान चलाकर प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में आकांक्षा पेटियां लगाई गईं। साथ ही विभिन्न वर्गों के साथ संवाद कार्यक्रम और ई-मेल के माध्यम से सुझाव लिए गए।

जनता के सुझावों पर पार्टी ने संकल्प पत्र तैयार किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार कुछ संकल्प पार्टी ने विपक्षी दांव को भी देखते हुए शामिल किए हैं। दरअसल, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की तरह यहां भी 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का वादा किया तो समाजवादी पार्टी ने भी उसे लपक लिया। मुख्य विपक्षी दल सपा के इस वादे के प्रभाव का आकलन सत्ता खेमे के रणनीतिकारों ने किया है। यह बड़े वर्ग से जुड़ा मुद्दा है। इसे देखते हुए ही चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले योगी सरकार ने किसानों का आधा बिजली बिल माफ कर दिया। अब उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए पार्टी तीन सौ नहीं तो दो सौ यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का वादा कर सकती है। घरेलू के साथ ही किसानों के बिजली बकाए के संबंध में भी वादा किया जा सकता है।

इसके अलावा किसानों के मुद्दे पर भाजपा को कमजोर करने का लगातार प्रयास है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विपक्ष का यही मजबूत दांव है। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र 70 प्रतिशत है। इसे देखते हुए भाजपा भी किसानों को मुख्य एजेंडे में शामिल रखेगी। 2017 में किए गए वादे के मुताबिक किसानों को कर्ज माफी का उपहार देने वाली भाजपा 2022 के लिए भी कोई बड़ा संकल्प कर सकती है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार भर्ती निकालने की बात कह रहे हैं। कांग्रेस ने युवाओं के लिए भर्ती विधान के नाम से अलग घोषणा पत्र जारी किया है। युवाओं की बड़ी आबादी को साधने का प्रयास भाजपा के इस लोक कल्याण संकल्प पत्र में भी होगा। उल्लेखनीय है कि यह संकल्प पत्र रविवार को जारी होना प्रस्तावित था, लेकिन भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के चलते कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।

चेहरों से भी सामाजिक समीकरण साधने का प्रयास : 2017 में भाजपा ने जो लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, उस पर छह नेताओं को स्थान मिला। उनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बतौर प्रदेश प्रभारी गृहमंत्री अमित शाह तो प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में कद्दावर नेता व लखनऊ सांसद राजनाथ सिंह को रखा गया। ब्राह्मण वर्ग से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, जबकि पिछड़ा वर्ग से मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य थे। इस बार भी पार्टी छह चेहरों से सामाजिक समीकरण साधने का प्रयास कर रही है। इनमें प्रधानमंत्री के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का चेहरा हैं तो संगठन का प्रतिनिधित्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह कर रहे हैं। स्वतंत्रदेव के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पिछड़ा वर्ग से हैं तो ब्राह्मण वर्ग से उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा का चेहरा है.

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