दरोगा जिस बच्ची को बचाकर लाया, उसी से रेप किया; पीड़ित बोली- थाने के कमरे में इज्जत लूटी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, बदायूं. बदायूं में एक दरोगा ने तमिलनाडु से लड़की को लाने के दौरान गंदी बातें कीं। फिर थाना परिसर में बने अपने आवास में ले जाकर रेप किया। लड़की को उसकी चचेरी दादी ने बेच दिया था। पता लगने के बाद एक महिला सिपाही, पुरुष सिपाही और दरोगा हरिओम को लड़की को तमिलनाडु से लाने के लिए भेजा गया था।
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रेप पीड़िता। उससे बदायूं के थाना परिसर में बने अपने आवास में दरोगा ने रेप किया था। |
लड़की ने मीडिया से बात की। उसका कहना है कि दरोगा ने मुझसे कहा- लल्ली तुझसे कुछ पूछना है मेरे साथ आ। वो आगे-आगे गए और मैं पीछे गई। कमरे में ले जाकर उन्होंने मुझे वहां 15-16 मिनट तक रखा था। पहले गलत बातें कीं, फिर इज़्जत लूट ली। इसके बाद मुझे वापस भेज दिया। मामला थाना कादरचौक का है।
अब जानिए पूरा मामला...
कादरचौक में रहने वाले एक व्यक्ति की चाची ममता उसके परिवार से रंजिश रखती थी। मामला पहले हुए एक संपत्ति विवाद को लेकर था। लेकिन, उसके बाद सभी मिल-जुलकर रहने लगे थे। धीरे-धीरे झगड़े की बात को लड़की के पिता और अन्य परिवारवाले भूल गए थे।
लेकिन, ममता मन ही मन उन लोगों से नाराज रहती थी। लड़की के घरवालों के कहना है कि उसी रंजिश में ममता ने पीड़िता को अपने झांसे में लिया। ममता के घर में मुस्लिम लोगों का काफी आना-जाना रहता है। इन्हीं में शामिल भमुइया गांव के रहने वाले मुजक्किर से ममता ने अपनी चचेरी पोती का सौदा कर लिया और रकम ले ली।
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यह पीड़ित लड़की का मां है, जिनका कहना है कि रंजिश में दादी ने यह गलत काम किया है। |
लड़की ने बताया- 9 जून को मैं खेत से लौट रही थी। पीछे से सफेद रंग की गाड़ी आई थी। उसमें मुजक्किर, बिलाल, पप्पू और ममता पहले से बैठे थे। इन लोगों ने जबरन मुझे गाड़ी में बैठा लिया और अपने साथ बदायूं के बस स्टैंड तक ले गए। वहां से इन लोगों ने मुझे दिल्ली वाली बस में बैठा लिया। चेन्नई तक ममता, पप्पू, बिलाल और मुजक्किर मेरे साथ गए। वहां से मुजक्किर के साथ मुझे दूसरे शहर की एक ट्रेन में बैठा दिया था। उस शहर में मुजक्किर ने मुझे 16 दिन रखा था। इस बीच मुजक्किर रोज ममता से बात करता था।
ट्रेन में ही शुरू कर दी थी छेड़छाड़ जब मैं तमिलनाडु में थी, तो वहां से मुझे पूजा (महिला सिपाही), मोहित (सिपाही) और हरिओम (आरोपी दरोगा) लेकर आए थे। पहले हमने चेन्नई से आगरा वाली ट्रेन पकड़ी। रात 1 बजे हम लोग आगरा उतरे थे। ट्रेन में भी दरोगा ने मुझसे छेड़छाड़ की, लेकिन मैं कुछ नहीं बोली।
वहां से पुलिस की गाड़ी ली और उससे मुझे 23 तारीख की सुबह 7 बजे कादरचौक थाने लाया गया। पूजा और मोहित मुझे छोड़कर चले गए थे। वहां सिर्फ दरोगा हरिओम रह गए थे। इसके बाद हरिओम ने थाना परिसर में बने अपने कमरे में ले जाकर पहले मुझसे बातें कीं, फिर रेप किया। इसके बाद मुझे वापस भेज दिया। शिकायत करने पर जेल भेजने की धमकी दी। इसके बाद मुझे 23 जून को ही वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया। यहां भी मुझे चुप रहने की धमकी दी गई। लड़की ने कहा कि मैंने गुरुवार को बदायूं के सीजेएम कोर्ट में दरोगा हरिओम के खिलाफ बयान दर्ज कराए हैं। जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ अपहरण करने की बात कही है।
पीड़िता 6 भाई-बहन है, पिता खेती करते हैं लड़की के परिवार में माता-पिता के अलावा 6 भाई-बहन हैं। इनमें 5 बहनें और 2 भाई हैं। एक भाई और 3 बहनों की शादी हो चुकी है। लड़की से बड़ी एक बहन है और उससे छोटा भाई है। इस परिवार के पास करीब 3 बीघा जमीन है। इसके साथ ही ये लोग गांव के बड़े किसानों की जमीन बंटाई पर लेकर खेती करते हैं। पशुओं को पालकर उनका दूध भी बेचते हैं। इसी से पूरे परिवार का खर्च चलता है।
एसपी अंशिका वर्मा ने पीड़िता और उसके घरवालों के गोपनीय बयान दर्ज किए। लड़की ने सभी अधिकारियों को अलग-अलग बयान दिए। सीओ उझानी देवेंद्र सिंह ने थाने पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की। एसपी अंशिका वर्मा ने बताया कि वह अपनी जांच रिपोर्ट डीआईजी बरेली को सौंपेंगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
वहीं, दरोगा हरिओम से इस मामले में कई बार बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
एसपी देहात बोले- बरेली रेंज के DIG जांच कर रहे एसपी देहात केके सरोज ने बताया- कादरचौक में दर्ज मुकदमे में महिला सिपाही समेत पुलिस टीम चेन्नई को रवाना हुई थी। वहां से 23 जून को पीड़िता को बरामद कर थाना कादरचौक लाया गया था। उसी दिन पीड़िता को वन स्टाप सेंटर पर भेज दिया गया था। जहां उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया।
इसके बाद कोर्ट में बयान दर्ज कराया गया। जबकि बाद में उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। पीड़िता द्वारा विवेचक पर जो आरोप लगाए गए हैं, उस संबंध में डीआईजी बरेली रेंज ने जांच शुरू कराई है। जांच में जो भी तथ्य मिलेंगे, उनके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।