गाजीपुर पहुंचा गंगा विलास क्रूज, 19 विदेशी सैलानियों ने ग़ाज़ीपुर में ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गंगा विलास क्रूज’ ने गुरुवार को गाजीपुर के नवापुर साईं मंदिर घाट पर पहुंचा। जिले को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित कर दिया।
यह क्रूज 19 स्विट्ज़रलैंड के पर्यटकों को लेकर वाराणसी के रामनगर घाट से 25 अक्टूबर की सुबह 6 बजे कोलकाता की ओर रवाना हुआ। दुनिया का सबसे लंबा नदी क्रूज कहे जाने वाला गंगा विलास जब गाजीपुर के घाट पर पहुंचा, तो स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। घाटों पर ग्रामीणों और नगरवासियों ने पारंपरिक तरीक़े से विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। वहीं सैलानियों ने गंगा तट की सुंदरता और यहां की सांस्कृतिक लोकधारा का अनुभव किया।
सैलानियों ने लार्ड कार्नवालिस के मकबरे का किया भ्रमण
नवापुर साईं मंदिर घाट पर ठहराव के बाद विदेशी सैलानी गंगा विलास क्रूज से उतरकर लार्ड कार्नवालिस के ऐतिहासिक मकबरे तक पहुंचे। उन्होंने वहां ब्रिटिश कालीन इतिहास से जुड़ी जानकारियां लीं और स्मारक की कलात्मक संरचना को नजदीक से देखा।
इसके बाद पर्यटक मिश्रा बाजार, लाल दरवाजा और शहर के अन्य प्रमुख इलाकों में घूमे तथा स्थानीय हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्रों की खरीदारी की। स्थानीय लोगों के साथ संवाद के दौरान सैलानियों ने गाजीपुर की लोकसंस्कृति और आतिथ्य भावना की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2023 में वाराणसी से गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह क्रूज वाराणसी से दीब्रूगढ़ (असम) तक लगभग 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करता है और 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरता है।
इस पहल का उद्देश्य भारत के प्राचीन जलमार्गों को पुनर्जीवित करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिवर टूरिज्म को बढ़ावा देना है। गंगा विलास न केवल ‘नमामि गंगे’ अभियान की भावना को साकार करता है, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विज़न को भी आगे बढ़ाता है।
गाजीपुर के लिए पर्यटन और अर्थव्यवस्था का नया अवसर
गंगा विलास क्रूज का गाजीपुर आगमन जिले के लिए ऐतिहासिक अवसर माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे स्थानीय पर्यटन, हस्तशिल्प, रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
विदेशी पर्यटकों के आगमन से जिले की धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई मजबूती मिलेगी। यह यात्रा इस बात का प्रतीक है कि गाजीपुर अब भारत के विकसित होते रिवर टूरिज्म नेटवर्क का एक अहम केंद्र बन चुका है।

