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लॉकडाउन के बीच भूकंप के झटकों से कांपे लोग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. लॉकडाउन के बीच घरों में बैठे लोग रविवार शाम भूकंप के झटकों से कांप उठे। शाम के वक्त महसूस हुए इन झटकों के तुरंत बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र उत्तर-पूर्वी दिल्ली था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 आंकी गई। भूंकप के झटके आते ही सोशल मीडिया पर तमाम तरह के मीम्स ट्रेंड करने लगे। 'अंदर भूकंप, बाहर कोरोना, प्रभु जी सोच क्या रखा है,' सबसे ज्यादा शेयर हुआ।

भूकंप के झटके शाम 5.45 बजे महसूस किए गए। यह भूकंप हल्की श्रेणी में था, ऐसे में अधिकांश लोगों को झटके महसूस नहीं हुए। सोशल मीडिया और टीवी चैनल पर भूकंप आने की खबरों के बाद लोगों ने एक-दूसरे को फोन और व्हाट्सएप के जरिए इसे शेयर करना शुरू किया। हालांकि फ्लैट्स में रहने वाले लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए और सभी अपने घरों से सुरक्षित स्थान पर बाहर निकल आए।

जोन चार में है वेस्ट यूपी
मेरठ सहित वेस्ट यूपी भूकंप की दृष्टि से जोन चार है जो बेहद ही संवेदनशील क्षेत्र है। जोन चार को सर्वाधिक डैमेज रिक्स जोन में रखा गया है। संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार रिक्टर स्केल पर दो या इससे कम के भूकंप को सूक्ष्म श्रेणी में आते हैं। प्रतिदिन पृथ्वी पर इस श्रेणी में आठ हजार भूकंप आते हैं, लेकिन ये महसूस नहीं होते। 2.0 से 2.9 तक के भूकंप प्राय: महसूस नहीं होते, लेकिन दर्ज होते हैं। ऐसे भूकंप हर रोज एक हजार आते हैं। 3.0-3.9 तक के भूकंप प्राय: महसूस होते हैं, लेकिन इनसे कोई क्षति नहीं होती। ये भूकंप प्रतिवर्ष 49 हजार बार महसूस किए जाते हैं। 4.0-4.9 तक के भूकंप हल्के श्रेणी में आते हैं। इनसे घरेलू वस्तुओं में कंपन, कंपकपाने की आवाज और कुछ क्षति संभव है। 

ऐसे भूकंप पृथ्वी पर वर्ष में 62 सौ बार महसूस होते हैं। 5.0-5.9 तक के भूकंप मध्यम श्रेणी में आते हैं। छोटे-छोटे क्षेत्रों में बनी कच्ची इमारतों को इस भूकंप से नुकसान होता है। पक्की इमारतों में भी मामूली क्षति संभव है। ये भूकंप पूरे साल में 800 बार रिकॉर्ड होते हैं। 6.0-6.9 तक के भूकंप शक्तिशाली श्रेणी में आते हैं। ये 160 किमी व्यास की आवादी वाले क्षेत्र में विध्वंसकारी साबित होते हैं। ऐसे भूकंप की संख्या पूरी दुनिया में सालभर में 120 तक है। 7.0 से 7.9 तक के भूकंप बड़ी श्रेणी में आते हैं। ये भूकंप बड़े क्षेत्रों में व्यापक विध्वंसकारी साबित होते हैं। ऐसे भूकंप साल में दुनिया में 18 तक होते हैं। 8.0 से 8.9 तक के भूकंप को महान श्रेणी में रखा गया है। ऐसे भूकंप कई सौ मील तक विध्वंस करते हैं। ये भूकंप साल में एक बार ही दर्ज होते हैं। 9.0 से 9.9 स्केल के भूकंप भी इसी श्रेणी में आते हैं, लेकिन ये हजारों मील तक विध्वंसकारी साबित होते हैं। ये भूकंप 20 वर्ष में एक बार दर्ज होते हैं। रिक्टर स्केल 10 से ऊपर का भूकंप अभी तक दुनिया में दर्ज नहीं हुआ।
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