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मोदी सरकार के पत्र को किसानों ने नकारा, Delhi के टिकरी बॉर्डर पर अनशन शुरू

गाजीपुर न्यूज़ टीम, सोनीपत. तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों और केंद्र की मोदी सरकार के बीच चल रहे गतिरोध का हल निकलते नहीं दिख रहा है। रविवार की रात मोदी सरकार की ओर से भेजे गये 5 पेज के प्रस्ताव को किसानों ने सोमवार को यह कहकर खारिज कर दिया कि इसमें नया कुछ नहीं है। किसानों ने दोहराया कि तीनों कानून रद्द करने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। इधर, पूर्व में घोषित क्रमिक भूख हड़ताल के तहत 11 किसान नेताओं ने अनशन किया। रोजाना अलग-अलग किसान जत्थेबंदियों के सदस्य अनशन करेंगे। 

संयुक्त किसान मोर्चा की 40 सदस्यीय कमेटी में शामिल नेता बख्शीश सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से मिले 5 पेज के मेमोरेंडम में कुछ भी नया नहीं है। इसमें वही बातें हैं, जो अक्तूबर से लेकर अब तक हुई हैं। किसान नेता ने कहा कि इस मेमोरेंडम के आधार पर सरकार से बातचीत नहीं की जा सकती। उन्होंने दोहराया कि अगर सरकार बातचीत के लिए तैयार है, तो किसान भी तैयार हैं, लेकिन पहले वार्ता का एजेंडा स्पष्ट हो और यह मांग ध्यान में रखी जाए कि किसानों को तीनों कानून रद्द करने से कम कुछ मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि बार-बार प्रस्ताव और वही बातें दोहरा कर सरकार किसानों और देश की जनता को गुमराह कर रही है।


कुंडली बार्डर पर सोमवार को 11 किसान नेता 24 घंटे के लिए अनशन पर बैठे। इनमें जय किसान आंदोलन की ओर से रविंदरपाल कौर गिल, भारतीय किसान यूनियन एकता के अध्यक्ष जगजीत सिंह दलेवाल, भाकियू पंजाब के अध्यक्ष फरमान सिंह संधू, पंजाब किसान यूनियन के बूटा सिंह, डेमोक्रेटिक किसान सभा पंजाब के अध्यक्ष डाॅ. सतनाम सिंह अजनाला, क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के नेता अवतार सिंह कौरजीवाला, कीर्ति किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह लोंगोवाल, दोआबा किसान समिति के अध्यक्ष जंगबीर सिंह चौहान, दोआबा किसान संघर्ष समिति के मुकेश चंद्र, कुलहिंद किसान सभा (बलनवाल) के बलजीत सिंह और लोक इंसाफ वेलफेयर के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा शामिल रहे।


संयुक्त मोर्चा की बैठक आज

नयी दिल्ली (एजेंसी) : क्रांतिकारी किसान यूनियन के गुरमीत सिंह ने कहा कि मंगलवार को संयुक्त मोर्चा की बैठक होगी और फैसला किया जाएगा कि सरकार को क्या जवाब देना चाहिए। गौर हो कि कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने किसान नेताओं को रविवार को पत्र लिखकर कानून में संशोधन के पूर्व के प्रस्ताव पर आशंकाओं के बारे में बताने और अगले चरण की वार्ता के लिए तारीख तय करने को कहा है।

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